सुंदर दांत सभी की चाहत होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचपन से ही दांतों की सही केयर खूबसूरत दांत दे सकती है। बहुत से बच्चों के दांत छुटपन से ही टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं। कई बार उनके दूध के दांत ठीक होते हैं, लेकिन जब स्थायी दांत निकलते हैं तो वे टेढ़े निकलते हैं। ये दांत टेढ़े मेढ़े क्यों निकलते हैं, दांतों का टेढ़ा निकलना आनुवांशिक और गैर आनुवांशिक दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों के दांत अगर ताउम्र स्वस्थ चाहिए तो उसके लिए जरूरी है कि बचपन से उनके दांतों की सही देखभाल की जाए। बच्चा जब एक साल का होता है तब उसके दूध के दांत आते हैं और 5 से 6 साल के बाद ये दांत टूटते हैं। बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े क्यों निकलते हैं, इसके निम्न कारण डॉक्टर मुसद्दिक ने बताए।
टेढ़े मेढ़े दांत निकलने के कारण
1. दांत की हड्डी
छोटे बच्चों के दांत जब निकल रहे होते हैं तब उनके दांतों की हड्डी विकसित हो रही होती है। दांत की हड्डी में जगह कम होने की वजह से जहां हड्डी आनी चाहिए थी वहां बन नहीं पाती और दांत टेढ़े हो जाते हैं।
2. दूध के दांत
बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से एक दूध के दांतों का सही समय पर न गिरना। सही समय पर दूध के दांत न गिरने की वजह से जब स्थायी दांत आते हैं तब वे टेढ़े निकलते हैं।
3. अंगूठा चूसना
छोटे बच्चों की आदत होती है कि वे अंगूठा चूसते हैं या कोई और उंगली चूसते हैं। अंगूठा चूसने की वजह से बच्चे के ऊपर के दांत और ऊपर की तरफ उठने लगते हैं। जिससे नए दांत टेढ़े हो जाते हैं।
4. मुंह में पेंसिल डालना
बहुत से बच्चों को आदत होती है कि पढ़ते समय मुंह में पेंसिल डालते हैं। मुंह में पैन या पेंसिल रख लेने की वजह से दांत टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं। डॉक्टर का मानना है कि बच्चों के दांत जब निकल रहे होते हैं तब दांत की हड्डी भी बन रही होती है। अगर उस समय मुंह में पेंसिल या पैन डाला जाएगा तो दांतों की शेप बिगड़ेगी।
5. नाखून चबाना
बहुत से बच्चे नाखून चबाते हैं, इस वजह से भी उनके दांत टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं।
6. आनुवांशिक कारण
दांतों का टेढ़ा होना कई बार बच्चे के बस में नहीं होता। वह आनुवांशिक कारण भी हो सकता है। अगर घर में बच्चे के माता-पिता के दांत टेढ़े रहे हैं तो बच्चों के भी हो सकते हैं।
किस उम्र तक दांत होते हैं टेढ़े-मेढ़े
दांत इतनी आसानी से टेढ़े नहीं होते हैं। जब तक दांतों के साथ ऊपरी तौर पर ज्यादा दिक्कत न की जाए तब तक। वे बताते हैं कि छह साल की उम्र तक परमानेंट दांत आने लगते हैं। 6 से 15 साल तक दांत टेढ़े होने की संभावना ज्यादा रहती है। 15 से 20 की उम्र में भी दांत टेढ़े हो सकते हैं, क्योंकि उस समय तक दांत की हड्डी बन रही होती है।
माता पिता के लिए टिप्स
सभी माता-पिता को कुछ सुझाव दिए हैं, जिन्हें अपनाकर वे अपने बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े होने से बचा सकते हैं।
- बच्चों के दांतों की देखभाल बचपन से जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होगा तो उनको दांतों की समस्याएं आगे बढ़ सकती हैं।
- अगर पीछे के दांत ज्यादा टेढ़े हो गए हैं तो बच्चे को चिक बाइटिंग की शिकायत हो सकती है। गाल दोनों दातों के बीच में आ जाता है।
- बच्चों की अंगूठा चूसने वाली आदत को छुड़ाएं।
- अगर बच्चे के दांत टेढ़े हो रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं।
- दांतों की सफाई का ध्यान रखें।
- बच्चों को ऐसी चीजें खाने को न दें जिससे उनके दांतों में कीडा लग जाए।
- कीड़ा लगने के बाद कीड़े वाला दांत खत्म हो जाता है, जिससे दातों की पोजिशन बिगड़ती है।
- सुंदर दांत सभी की ख्वाहिश होती है। इस ख्वाहिश को सिर्फ थोड़ी सी केयर से बचाया जा सकता है। बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े न निकलें इसमें माता-पिता अपनी तरफ से शुरुआती प्रयास कर सकते हैं।
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