वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी को काली सूची में डाल दिया है। चीन सरकार के स्वामित्व वाली एक तेल कंपनी पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। वाशिंगटन द्वारा उठाए गए कदम के बाद इन कंपनियों की अमेरिकी निवेश और प्रौद्योगिकी तक पहुंच सीमित हो जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 20 जनवरी को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा सत्ता संभालने से पहले मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीजिंग के खिलाफ कुछ और कड़े कदम उठा सकते हैं।
अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने जिन चार कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्प (एसएमआइसी) और चाइना नेशनल ऑफशोर आयल कॉर्प (सीएनओओसी) प्रमुख हैं। इन सभी कंपनियों पर चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े होने का आरोप है। अमेरिका द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद काली सूची में आने वाली चीनी कंपनियों की कुल संख्या 35 हो गई है। उधर, चीन ने अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों की आलोचना करते हुए कहा है कि चीनी कंपनियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का तर्क बेतुका है।
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