किसानों की आत्महत्या, धान खरीदी में अव्यवस्था, जल जीवन मिशन में गड़बड़ी समेत कई मुद्दों पर सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी
पायनियर संवाददाता .रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर सत्तापक्ष ओर विपक्ष की तैयारियां शुरू हो गई हैं। विधानसभा सत्र के लिए सवाल लगने के पहले दिन आठ, दूसरे दिन 12 सवाल लगे, उसके बाद सवालों की संख्या बढ़ती गई। 27 नवंबर को एक ही दिन में विधायकों ने सबसे ज्यादा 329, 28 नवंबर को 150 और 1 दिसंबर को 167 सवाल लगाए हैं। 5 दिसंबर तक विधायकों ने कुल 961 सवाल लगाए। एक सप्ताह तक चलने वाले विधानसभा का शीतकालीन सत्र 21 से 30 दिसंबर तक आहूत किया गया है। सत्र के लिए 19 नवंबर से सवाल लगाने का क्रम शुरू हुआ। 5 दिसंबर तक विधायकों ने कुल 961 सवाल लगाए। विधायकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। विभागवार सवाल लगने के बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा इन सवालों के जवाब के लिए विभागों को भेजे जा रहे हैं। कोविड-19 के दूसरे चरण को देखते हुए विधानसभा में सत्र के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सत्र की बैठकें होंगी। सत्र के दौरान राज्य सरकार अनुपूरक बजट और कुछ संशोधन विधेयक भी लाने की तैयारी कर रही है। इन मुद्दों पर लगे सवाल शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा धान खरीदी में अव्यवस्था और किसानों की आत्महत्या के मामलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। इसके अलावा नक्सली घटनाओं में वृद्धि, शहरों में बढ़ते अपराध, रेत खदानों में अवैध खनन और बढ़ते मूल्य, अवैध शराब बिक्री, शहरों में नशे का कारोबार, कोरोना के मामले, स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, जंगलों में अवैध कटाई, हाथी-मानव द्वंद्व, जलजीवन मिशन योजना के टेंडर में गड़बड़ी, मानव तस्करी और नशे के मामलों को लेकर भी सवाल लगाए गए हैं। विपक्ष कई विभागों में गड़बड़ी के मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी में है।
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