पायनियर संवाददाता . जशपुरनगर
30 हजार की शहरी आबादी वाला जशपुर नगर पालिका की खूबसूरती गौरव पथ के निर्माण के बाद निश्चित ही बढ़ी है। गम्हरिया प्रवेश द्वार से शहर के भीतर प्रवेश गौरव पथ से ही होता है, जिससे जशपुरिया होने का गौरव भी बढ़ता है। लेकिन गौरव पथ अब भी अधूरा है। और इसी अधूरे गौरव पथ पर मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का जशपुर प्रवेश होगा। दरअसल तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा गौरव पथ के लिए जो प्रस्ताव तैयार किए गए थे उसके मुताबिक पूरा कार्य नहीं हो सका है। गौरव पथ का प्रमुख छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति आर्ट की पेंटिंग का कार्य अधूरा रह गया है। प्रस्ताव के मुताबिक एक इंच भी पेंटिंग गौरव पथ के दीवारों पर नहीं हुई है। गौरव पथ के लिए की गई प्लानिंग अधूरी रह गई और इसी अधूरी प्लानिंग वाली सड़क पर सीएम भूपेश बघेल पहली बार जशपुर प्रवेश करेंगे।
प्रदेश की संस्कृति की पेंटिंग
प्रदेश के जिन भी जिलों में गौरव पथ का निर्माण कराया गया है वहां छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की छटा दीवारों पर उकेरी गई है। खासकर रायपुर में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जिले में गौरव पथ के निर्माण के दौरान यहां भी पेंटिंग की बात प्लानिंग में बताई गई थी लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ प्रदेश की लोक कला संस्कृति को प्रचार-प्रसार और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उसे गौरव पथ पर जगह देने की योजना बनाई गई थी लेकिन उसे जशपुर में स्थान अबतक नहीं दिया गया है।
फंड की दिक्कत होने की वजह से काम अधूरा है। आर्ट के ड्राईंग का फाइनल अप्रुवल भी नहीं
मिल सका है इसलिए काम पूरा नहीं हो सका है। इसे पूरा कराया जाना है।
-वसुंधरा भगत, एई व प्रभारी सीएमओ नपा जशपुर
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