May 19, 2024

जॉनसन एंड जॉनसन ने शुरू किया दो डोज वाले वैक्‍सीन का ट्रायल

लंदन। जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने सोमवार को अपने प्रायोगिक कोविड-19 वैक्‍सीन के दो डोज का ट्रायल शुरू कर दिया है। इस वैक्‍सीन के डोज के बाद लोगों में होने वाले परिवर्तन पर अध्‍ययन के लिए अमेरिकी ड्रग निर्माता ने 30 हजार प्रतिभागियों को शामिल करने की योजना बनाई है। इस स्‍टडी में शामिल ब्रिटेन की शाखा में 6 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया जाएगा शेष प्रतिभागी दुनिया के उन देशों से आएंगे जहां कोविड-19 संक्रमण के मामले काफी अधिक हैं। ये देश हैं अमेरिका (United States), बेल्‍जियम (Belgium), कोलंबिया (Colombia), फ्रांस (France), जर्मनी (Germany), फिलिपींस (the Philippines), दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और स्‍पेन (Spain)।

फिलहाल Ad26COV2 कहे जाने वाले इस वैक्‍सीन का पहला डोज दिया जाएगा जिसके 57 दिन के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। यह जानकारी यूनिवर्सिटी हॉस्‍पीटल साउथैंपटन में हो रहे ट्रायल का नेतृत्‍व करने वाले संक्रामक बीमारियों व पीडियाट्रिक इम्‍यूनोलॉजी के प्रोफेसर साउल फॉस्‍ट (Saul Faust) ने दी। उन्‍होंने बताया कि इस स्‍टडी में शामिल होने वाले लोगों के एक समूह को निष्‍क्रिय दवा यानि प्‍लेसिबो (Placebo) दिया जाएगा वहीं दूसरे ग्रुप को प्रायोगिक वैक्‍सीन का डोज।

जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से इस ट्रायल के लिए जारी बयान में बताया गया है कि स्‍टडी में वैक्‍सीन के पहले डोज और फिर दूसरे डोज के बाद प्रतिभागियों में होने वाले परिवर्तन और इसके प्रभाव का आकलन किया जाएगा। उल्‍लेखनीय है कि सितंबर में ही जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) ने 60,000 वॉलंटियर्स के साथ तीसरे चरण की स्टडी के तहत वयस्कों में वैक्‍सीन की टेस्‍टिंग शुरू की थी। वहीं दवा निर्माता कंपनी फाइजर इंक ने पहले ही कोविड-19 वैक्सीन की टेस्टिंग शुरू कर दी थी।

बता दें कि पिछले साल के अंत में कोविड-19 संक्रमण को पूरी दुनिया में फैलाने वाले नॉवेल कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में आया था। इसके बाद दुनिया भर में इस घातक वायरस का प्रकोप ऐसे छाया कि गत 11 मार्च को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया।

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