July 1, 2025

अगहन का पहला गुरुवार 3 को, घर घर की जाएगी मां लक्ष्मी की पूजा

पायनियर संवाददाता-रायपुर

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अगहन गुरुवार के शुभ अवसर पर 3 दिसंबर को घर घर माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। अगहन माह में मां भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। इस बार अगहन माह में कुल 4 गुरुवार पड़ेंगे। अगहन माह 1 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर को समाप्त होगा। उक्त अवसर पर घरों में माता लक्ष्मी की पूजा के साथ ही चावल के आटे से माता के शुभ चरण चिन्ह सुबह से ही महिलाओं द्वारा घर के प्रवेश द्वारों में अक्षत रोली के साथ दीप जलाकर की जाएगी।
शास्त्रगत मान्यताओं के आधार पर अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प किया जाता है और शाम को चंद्रमा के उदित होने के उपरांत पुष्प, नैवेध, धूम, दीप प्रज्वलित कर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन चंद्रमा को अघ्र्य देने से चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक मान्यतानुसार अगहन माह महालक्ष्मी का महीना माना गया है। इस माह के गुरुवार को धन देवी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है। माता को भोग में खीर, पुड़ी, चौसेला, अनरसा, देहरौरी, मालपुआ आदि का भोग लगाया जाता है।
मान्यता है कि इस माह मां लक्ष्मी महीने भर पृथ्वी में विचरण करती हैं। गुरुवार को इनका आगमन ऐसे भक्त के यहां होता है, जिनके घर में साफ-सफाई, सजावट व मन, वचन और कर्म से पूरी सात्विकता रहती है। यही वजह है कि महिलाएं हर बुधवार को घर-द्वारा को रंगोली से सजाकर मां पूजा स्थल तक देवी के पग चिन्ह बनाकर गुरुवार को भोर में उनका आह्वान करती हैं। सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित करते हुए पूजा-अर्चना की जाती है।

हर गुरुवार को भोर होते ही मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना होगी, सजाए जाएंगे घर-द्वार

गुरुवार को भोर होते ही मां की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। महिलाओं ने घर-द्वार सजाने के साथ ही पूजा की तैयारी मंगलवार से ही शुरू कर दी है। बुधवार को श्रद्धालु घर के द्वार से लेकर पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह बनाएंगे। साथ ही आंगन में रंगोली बनाएंगे। गुरुवार की सुबह सूर्य निकलने से पहले गृह लक्ष्मियां यानी महिलाएं स्नान-ध्यान कर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करेंगी। यही क्रम दोपहर व शाम को भी चलेगा। इस बीच मां को तीनों टाइम अलग-अलग भोग अर्पित किया जाएगा।

अगहन गुरुवार की मान्यता

ऐसी मान्यता है कि अगहन गुरुवार में मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक का विचरण करने आती हैं। इस अवसर पर जो श्रद्धालु घर-द्वार की विशेष साज-सज्जा के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करता है। उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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