यरॉइड के मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। ये एक गंभीर बीमारी है, जो धीरे-धीरे असर दिखाती है। थायरॉइड में बीमारी के कारण कई बार ये ग्रंथियां ज्यादा हार्मोन्स रिलीज करने लगती है और कई बार जरूरत से कम हार्मोन्स रिलीज करती हैं। हाइपरथायरॉइडिज्म एक ऐसी समस्या है, जिसमें मरीज की थायरॉइड ग्रंथियां सामान्य से ज्यादा थायरॉक्सिन हार्मोन्स बनाने लगती हैं, जिससे मरीज को कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। अगर आप शुरुआत में ही हाइपरथायरॉइडिज्म के इन 10 लक्षणों को पहचान लें, तो सही समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है।
थायरॉइड हार्मोन ज्यादा बढ़ने के 10 संकेत
हर समय थकान महसूस होना
जल्दी नींद न आना और देर रात तक जागना
जल्दी-जल्दी भूख लगना
ज्यादा खाने के बावजूद तेजी से वजन कम होने लगना
चिंतित रहना, हाथों में कंपन्न, पसीना आना, सीने में दर्द व सांस लेने में समस्या होना।
एकाग्रता में कमी होना और आंखों में सूजन आना।
दिल की धड़कन तेज होना व मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना।
ज्यादा गर्मी लगना।
गले के सामने व निचले हिस्से में थायराइड ग्रंथि का बड़ा होना।
थकान, बालों का झड़ना व डायरिया होना।
कई बार खतरनाक हो सकता है थायरॉइड
अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो व्यक्ति को अचानक कार्डियक अरेस्ट, एरिथमिया (हार्टबीट असामान्य होना), ऑस्टियोपोरोसिस, कार्डियक डायलेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा गर्भावस्था में ऐसा होने पर गर्भपात, समयपूर्व प्रसव, प्रीक्लैम्पिसिया (गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ना), गर्भ का विकास ठीक से न होना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
क्या करें अगर थायरॉइड की समस्या है
थायरॉइड एक ऐसी समस्या है जिसके लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको हाइपरथायरॉइडिज्म की समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें और जांच करवाएं। याद रहें हाइपरथायरॉइडिज्म की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होती है। इलाज के बावजूद समय-समय पर थायराइड की जांच करवाते रहना चाहिए। इस बीमारी की मुख्य वजह ग्रेव्स रोग है, इसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ग्रंथि पर हमला करती है जिसकी वजह से थायराइड हार्मोन का निर्माण बढ़ जाता है। अगर हाइपरथायरॉइडिज्म का इलाज ना करवाएं तो यह गंभीर रुप ले सकता है जिसमें रोगी की जान भी जा सकती है।
इसमें नियमित जांच, खूब पानी पीने, संतुलिस आहार, नियमित रूप से व्यायाम, धूम्रपान या शराब का सेवन नहीं करने और अपने आप दवा नहीं लेने जैसे सुझाव शामिल हैं।
कैसे किया जाता है थायरॉइड रोग का इलाज
थायरॉइड के इलाज के लिए सबसे पहले डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर शरीर में थायरॉइड हार्मोन की जांच करता है और ये पता लगाता है कि मरीज को कौन सा थायरॉइड रोग है। इसके बाद एंटीथायराइड दवाओं के जरिए थायराइड पर काबू किया जाता है। कई बार रेडिएक्टिव आयोडीन गोली व द्रव्य के रुप में रोगी को दिया जाता है। कुछ मरीज, जिनमें थायरॉइड की समस्या गंभीर रूप ले लेती है, उनमें सर्जरी के जरिए थायराइड ग्रंथि को निकालना पड़ता है।
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