भ्रामरी प्राणायाम एक ऐसा चमत्कारी प्राणायाम है जो आपके दिमाग और मन को शांत रखने में मदद करता है। इस इकलौते प्राणायाम को करने से कई बीमारियां जैसे साइनस, माइग्रेन और अवसाद आदि काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अधिकतर लोग तनावग्रस्त हैं। जब आपका मन चिंतित होता है और खुश नहीं होता तो आप किसी भी काम में अच्छी तरह फोकस नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण आपमें गुस्सा, अवसाद, बेचैनी, एंजायटी, बीपी आदी कई परेशानियां जन्म ले लेती हैं। ऐसे में मन की शांति के लिए योग सबसे बेहतर विकल्प माना गया है। वैसे तो बहुत से योगासन हैं जो हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने में बेहद उपयोगी हैं। पर आज हम आपको एक ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे मन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और आप तनाव मुक्त रहते हैं। इस आसन का नाम है भ्रामरी प्राणायाम।
भ्रामरी प्राणायाम को हमिंग बी ब्रीदिंग तकनीक भी कहा जाता है। इस प्राणायाम का अभ्यास करने से क्रोध, तनाव, बेचैनी, निराश मन, अवसाद, बीपी, आदि में भी राहत मिलती है। अगर आप किसी भी काम में फोकस नहीं कर पा रहे हैं तो यह प्राणायाम आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है। इस प्राणायाम को करने के दौरान आपको शरीर में कई सकारात्मक वाइब्रेशन्स का एहसास होगा। तो चलिए पहले जानते हैं इसे करने की प्रक्रिया और फिर इसके लाभ-
भ्रामरी प्राणायाम करने की प्रक्रिया:
इस प्राणायाम को सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय किया जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप किसी शांत वातावरण में, सुखासन में बैठ जाएं। अब आपको अपने हाथों की उंगलियों को चेहरे पर इस तरह से रखना है-
कनिष्का उंगली – मुंह के दोनों ओर, अनामिका- नाक के दोनों ओर, मध्यमा- आँखों के कोनों पर, तर्जनी दोनों ओर की कनपटी पर और अंगूठे से अपने दोनों कानों को बंद कर लें।
अब नाक से सांस लें, थोड़ा सा रुकें , अब सांस छोड़ते हुए मधुमक्खी के भिनभिनाने जैसी ध्वनि निकालें। यह प्राणायाम करते हुए ध्यान रखें कि आपका मुंह बंद रहे और आप नाक से ही सांस लें और छोड़ें।
आप नीची ध्वनि या ऊँ का उच्चारण भी कर सकते हैं, लेकिन ऊँची ध्वनि निकालने से इसके अधिक फायदे मिलते हैं।
फिर से गहरी साँस लें और थोड़ा रुक कर साँस छोड़ें। इस प्रकिया को 5 से 7 बार दोहराएं।
यदि आपको उंगलियां चेहरे पर रखने में दिक्कत आ रही हो तो अपनी तर्जनी उंगली से दोनों कानों को बंद करके भी आप भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं।
इस प्राणायाम को करने के दौरान अपनी आँखें बंद रखें और केवल ध्वनि पर एकाग्रता बनाने का प्रयास करें।
ध्यान दीजिए यह प्राणायाम आप खाली पेट, बाकी व्यायाम करने के बाद करेंगे तो अधिक फायदेमंद होगा।
इस प्राणायाम को निरंतर करने से आपको अपने शरीर में काफी हल्कापन महसूस होगा और आपको शरीर में तरंगे भी महसूस होंगी। इसे रोज़ाना 5 मिनट के लिए करें और अभ्यास के साथ-साथ समय की अवधि बढ़ा दें।
भ्रामरी प्राणायाम करने से मिलते हैं ये फायदे
मानसिक तनाव और डिप्रेशन से राहत
भ्रामरी प्राणायाम अवसाद और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने में काफी लाभदायक साबित होता है। इसके अभ्यास से आपका शरीर ज्यादा रिलैक्स और हल्का महसूस करता है। आपके मस्तिष्क और मन को शांति मिलती है और आप हर काम में अच्छे से फोकस कर पाते हैं। इतना ही नहीं यह प्राणायाम व्यक्ति में आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
थायरॉइड की समस्या में भी कारगार
थायरॉइड हमारे गले में स्थित एक ग्रंथि होती है जो आयोडिन की कमी से असामान्य हो जाती है। हाइपोथायराइडिज़्म वाले लोगों के लिए यह प्राणायाम काफी लाभदायक माना गया है। इससे थायरॉइड नियंत्रित रहता है और आपका मोटापा असामान्य रूप से नहीं बढ़ता है।
एंज़ायटी से पाएं राहत
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) करने से आपके शरीर में पॉजिटिव वाइब्रेशंस का संचार होता है। इससे ओवर-थिंकिंग, एंज़ायटी और आत्मविश्वास में कमी जैसी कई परेशानियों से निजात मिलता है। अगर आपको भी एंज़ायटी की परेशानी है तो किसी शांत वातावरण में बैठ कर इस प्राणायाम को 15 मिनट तक करें।
अनिद्रा और माइग्रेन को रखे दूर
जो लोग अनिद्रा, माइग्रेन, नाक बंद होना, आधे सिर में दर्द होना आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें रोज़ाना भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। इसे आप खाली पेट सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय कर सकते हैं।
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