भारी फोर्स के बीच तोडफ़ोड़ की तैयारी में जुटे रहे अफसर
राजनांदगांव@thethinkmedia.com
घुमका क्षेत्र के ग्राम पटेवा में बाजार चौक के पास मुख्य मार्ग में पूर्व सरपंच के परिजनों समेत अन्य दुकानदारों के अवैध पक्का निर्माण और टिन शेड को तोडऩे की बुधवार को प्रस्तावित प्रशासनिक कार्रवाई फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गई है। खबरों के अनुसार उक्त विवादित अतिक्रमण को चार दिनों के भीतर हटा लेने बीते गुरुवार को ही चेतावनी दिया गया अन्यथा प्रशासन द्वारा तोडऩे की कार्रवाई तय हुई थी? अतिक्रमणकारी द्वारा निर्धारित समय मे अतिक्रमण नहीं हटाने पर उक्त मियाद पूरी होने के बाद बुधवार को नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी की ओर से अतिक्रमण हटाने की तैयारियां की जा रही थी।
चूंकि पिछले सप्ताह अतिक्रमण हटाने के प्रशासनिक अल्टीमेटम मिलने पर पूर्व सरपंच और और पूर्व पंच के परिजनों के बीच मारपीट की घटना हो गई थी। इस बार भी विवाद की आशंका पर प्रशासन के आला अफसरों ने घुमका थाना के अलावा पुलिस लाइन राजनांदगांव से भी भारी पुलिसबल बुलवा लिया गया था। सूत्रों के अनुसार पुलिस और प्रशासन की सारी तैयारियां तय समय पर धरी रह गई जब अनावेदक के परिजनों ने अतिक्रमण हटाने के विरोध में कार्यपालिक दण्डाधिकारी कार्यालय में आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी दे दिया। आखिर प्रशासन की सख्ती के बाद अनावेदक पक्षों ने स्वयं अतिक्रमण हटाने की सहमति प्रशासन के अधिकारियों को दिया है।
खबर है कि पूरे हालात से सरपंच समेत पंचायत पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए अफसरों ने आश्वस्त किया है कि बगैर तोडफ़ोड़ के दोषी पक्ष द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाया जाना है। सूत्रों के अनुसार समझौते के तहत एक बार फिर खुद अवैध कब्जा हटाने सप्ताह भर की मोहलत दी गई है। वहीं अन्य दुकानदारों ने अपने टिन शेड हटाना शुरू कर दिया है। जबकि प्रशासन की प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर पटेवा में बुधवार सुबह से ही काफी गहमागहमी बनी रही और बाजार चौक में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
ज्ञात हो कि पटेवा में बड़े पैमाने पर घास भूमि समेत कई बेशकीमती ज़मीनों पर अतिक्रमण की लंबी फेहरिस्त है और कई मामलों में सक्षम न्यायालय से बेदखली का आदेश जारी किया जा चुका है। शासन की कई योजनाओं के निर्माण कार्य अवैध कब्जों के चक्कर में लटके होने की खबर है। गुरुवार को प्रशासन ने सख्तीपूर्वक गौठान की जमीन पर बुलडोजर चलवाकर बाकी विवादित अवैध कब्जों को हटाने चार दिन का मोहलत दिया था।
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