पेठा जिसे उत्तर भारत में कुम्हेड़ा भी कहा जाता है। यह फल और सब्जी दोनों रूपों में उपयोग में आता है। पेठा एक ऐसा फल है जो गर्भावस्था में खाने पर महिलाओं को बहुत लाभ पहुंचाता है। यह फल पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है। पेठा भारत के अलावा दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी एशिया में पाया जाता है। यह फल कच्चा रहने पर हल्का हरा होता है। पकने पर पीला। कच्चे कुम्हेडे़ की सब्जी भी बनती है और पके कुम्हेड़े का पेठा बनाया जाता है। आगरा का पेठा इसी लिहाज से सुप्रसिद्ध है। पेठा किसी भी मौसम में खाया जा सकता है। पेठा गर्मी में ठंडक देता है और सर्दी में सर्दी, खांसी जुकाम से बचाता है। इस तरह से यह बारहमासा प्रयोग में लाया जाता है। तो वहीं, गर्भावस्था में पोषक तत्त्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है, तो पेठा में ऐसे अनेक पोषक तत्त्व होते हैं जो प्रेग्नेंसी में महिलाओं को बहुत लाभ पहुंचाते हैं। प्रेग्नेंसी में पेठा कैसे फायदा करता है इसके बारे में हमने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. पुनीता श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने बताया कि पेठा प्रेग्नेंसी में आंख, दिल और मस्तिष्क सभी के लिए अच्छा होता है।
प्रेग्नेंसी में पेठा खाने के फायदे
खून की कमी पूरी करे
गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को पहली तिमाही में ब्लीडिंग की समस्या होती है। जिससे उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है। लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थ खाकर जिनसे यह खून की कमी पूरी की जा सके उससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। पेठा में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर में हिमोग्लोबीन की कमी नहीं होती। रक्त (blood) में ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंच रही होती है, जिससे ब्लड की सप्लाई बाधित नहीं होती है।
गर्मी में प्रेग्नेंट महिलाएं जरूर खाएं पेठा, डॉक्टर से जानें प्रेगनेंसी में पेठा खाने से मिलने वाले 10 फायदे
बदलते मौसम के साथ महिलाओं के चेहरे पर कई तरह की दिक्कत होने लगती है। तो वहीं, हार्मोन में बदलाव की वजह से भी महिलाओं की त्वचा खराब होती है। इन त्वचा संबंधी परेशानियों से बचाने में भी पेठा यानी कुम्हेड़ा बहुत मदद करता है। पेठा में विटामिन ई अधिक मात्रा में पाया जाता है। पेठा की खासियत ही यह है कि इसमें विटामिन ई ज्यादा पाया जाता है। जिससे चेहरे की चमक बढ़ती है। विटामिन चेहरे की चमक बढ़ाने में काम करता है।
मानसिक तनाव को रखे दूर
पेठा खाने से अल्जाइमर जैसी पेरशानियां दूर होती हैं। प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग्स ज्यादा होते हैं। तो वहीं, मानसिक तनाव भी बढ़ता है। पेठा में मौजूद पोषक तत्त्व इस समस्या को दूर करते हैं। डॉ. पुनीता श्रीवास्तव के मुताबिक रक्त में जब ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक से होती है, तब यह परेशानी दूर होती है।
पाचन करे दुरुस्त
गर्भावस्था के दौरान पेट में कब्ज की शिकायत ज्यादातर महिलाओं को होती है। तो वहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेग्नेंसी में पेट में कब्ज नहीं बननी चाहिए। इससे महिला को दिक्कते होती है। लेकिन पेठा एक ऐसा फल है जो इस समस्या को भी दूर करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर आयरन भोजन को पचाने में मदद करते हैं।
सिर दर्द को भगाए
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को सिर दर्द की शिकायत होती है। पेठा में मौजूद आयरन और विटामिन ई इस सिर दर्द को भगाने में मदद करता है। ये दोनों ही पोषक तत्त्व दर्द निवारक की तरह काम करते हैं।
ऊर्जा बढ़ाए
प्रेग्नेंसी में ज्यादा थकान महसूस होती है। हार्मोनल परिवर्तन के कारण ऐसा होता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर में ऊर्जा का स्रोत बनता है। तो वहीं, पेठा में पानी की मात्रा ठीक होती है जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं होता।
दिल के लिए फायदेमंद
कई बार महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिससे हृदय संबंधी परेशानियां बढ़ती हैं। इन परेशानियों से निजात दिलाने में पेठा मददगार है। पेठा में रक्तचाप को नियंत्रित करने के गुण होते हैं, जिससे हृदय संबंधी परेशानियां दूर रहती हैं।
आंखों को करे मदद
पेठा में राइबोफ्लेविन पाया जाता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इस तरह गर्भावस्था में आंखों की समस्याओं से भी पेठा या कुम्हेड़ा ठीक रखता है।
जुकाम करे दूर
न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता के मुताबिक, पेठा में विटामिन सी की मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इस वजह से सीजनल बीमारियां जैसे सर्दी-खांसी जुकाम प्रेग्नेंट महिलाओं से दूर रहता है।
अल्सर की समस्या करे दूर
पेठा में अल्सर को भगाने वाले गुण पाए जाते हैं, इसलिए प्रेग्नेंट महिला को अगर अल्सर की परेशानी हो गई है तो उसे पेठा का सेवन करना चाहिए। आयुर्वेद में पेठा का उपयोग अल्सर के लिए किया गया है।
प्रेग्नेंट महिलाएं एक दिन में कितना पेठा खाएं
पेठा के इतने फायदे जानने के बाद ऐसा न हो कि इसकी अनियंत्रित मात्रा का आप सेवन कर लें। किसी भी फल या सब्जी की नियंत्रित मात्रा ही लाभदायक होती है। न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता ने बताया कि प्रेग्नेंट महिला को एक दिन में 25-30 ग्राम पेठे का सेवन करना चाहिए। इसे वे सब्जी बनाकर, जूस बनाकर या हलवा बनाकर कैसे भी खा सकती हैं। किसी भी रूप में पेठे का सेवन किया जा सकता है।
पेठा खाने के नुकसान
सीमित मात्रा में पेठा खाने से कोई नुकसान नहीं है, लेकिन असीमित मात्रा में पेठा खाने से महिला को नुकसान पहुंच सकता है। न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता ने निम्न साइड इफैक्ट बताए हैं, जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए।
पेठे का ज्यादा सेवन पाचन संबंधी परेशानियों को बढ़ा सकता है।
ज्यादा पेठा खाने से उल्टी की समस्या हो सकती है। डॉ. पुनीता ने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाएं पहले ही मल्टी विटामिन ले रही होती हैं, जिससे ज्यादा विटामिन होने पर दिक्कत हो सकती है।
पेठा की ज्यादा खुराक से लेने से एलर्जी की परेशानी हो सकती है।
पेठा खाने से गर्भवती महिलाओं को कई फायदे होते हैं। इसके नुकसान कम हैं। तो वहीं, पेठा एक ऐसा फल और सब्जी है जो सर्दी और गर्मी दोनों में फायदेमंद है। यह लिवर, टीबी और कैंसर में भी सहायक है। गर्भावस्था में स्वस्थ खानपान ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिला के खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
More Stories
मांगों को मनवाने कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का आंदोलन- छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ जिला इकाई ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर शक्ति कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 24 अप्रैल को आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे संघ के सदस्य
मुख्यमंत्री की किसानों के हित में बड़ी घोषणा: समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी
सीएम बघेल के हमर सियान हमर अभिमान उद्देश्य को जिम्मेदार लगा रहे ग्रहण, विभागीय मंत्री के गृह जिले में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस पर नही हो पाया जिला स्तरीय कार्यक्रम