शिशुओं और छोटे बच्चों में कान का इंफेक्शन या दर्द होना आम बात है। अक्सर आपने देखा होगा कि छोटे बच्चे बहुत रोते हैं या कान पकड़कर खींचते हए नजर आते हैं। लेकिन कई बार इस बात का पता नही चलता कि आखिर बच्चे को क्या परेशानी है। इस तरह का दर्द ज्यादातर 18 महीने के शिशुओं में देखा जाता है, वैसे यह किसी भी उम्र में हो सकता है। माना जाता है कि लड़कियों की तुलना में लड़कों को संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है। बच्चों की स्कीन काफी संवेदशील होती है, छोटी सी उम्र के बच्चे बिना सोचे-समझे दवा नही दे सकते। ऐसे में उनके कान के संक्रमण का इलाज घरेलू उपचार से किया जा सकता है।
बच्चों के कान के लिए सही इलाज
अगर आपका बच्चा कान की वजह से रो रहा है या बार-बार कान खिचता हुआ नजर आ रहा है तो ये लक्षण कान में संक्रमण के हो सकते हैं। इनको दूर करने के लिए गर्म पानी से सिकाई का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप कपड़े को गरम करें और उसे मोड़कर बच्चे की सिकाई करें। इसके अलावा आप इलेक्ट्रापनिक हीटिंग पैड का भी उपयोग कर सकते हैं। यह बच्चेक के कान में होने वाले दर्द को कम करने में बेहतर साबित होगा।
इलाज के लिए गर्म सिकाई
यदि आपके बच्चे के कान से किसी तरह का तरल पदार्थ नहीं निकल रहा है। लेकिन फिर भी बच्चेप को कान में दर्द या खुजली हो रही है तो आप हल्केि गुनगुने जैतून के तेल या तिल के तेल की कुछ बूंदें बच्चेम के कान में डाल सकते है। ऐसा करने से कान के अंदर मौजूद संक्रमण और मैल आसानी से बहार निकल जाएगा।
गर्म तेल से मिलेगा आराम
आपको बता दें बच्चे के कान में संक्रमण होने की वजह पानी का कम होना भी हो सकता है। इस दौरान बच्चेे के अधिक रोने से शरीर की ऊर्जा और पानी का अधिक उपयोग कर लिया जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चेक को पर्याप्तज मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन कराना चाहिए। इसके अलावा तरल पदार्थ को निगलने से यूस्टे शियन ट्यूब को खोलने में मदद मिलती है।
बच्चे के कान को रखें हाइड्रेट
आप अपने बच्चेल के कान में होने वाले संक्रमण का इलाज करने के लिए लहसुन, जैतून तेल, सरसों तेल, तुलसी के रस आदि जैसे आयुर्वेदिक का इस्तमाल कर सकते हैं। ये सभी उत्पारद कान की सूजन और दर्द को पूरी तरह से ठीक कर देता है।
आप अपने बच्चे के कान में होने वाले संक्रमण का इलाज करने के लिए लहसुन, जैतून तेल, सरसों तेल, तुलसी के रस आदि जैसे आयुर्वेदिक उपायों का उपयोग कर सकते हैं। ये सभी उत्पाद कान की सूजन और दर्द आदि का प्रभावी रूप से इलाज कर सकते हैं। लेकिन किसी को भी डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चे के कान में ना डालें।
स्तनपान कराना बेहद जरूरी
शोध के अनुसार मां का दूध बच्चों को सही पोषण दिलाता है, साथ ही ये बच्चेा की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसलिए हर मां को चाहिए कि वह अपने बच्चेर को कम से कम 12 माह तक अपना दूध पिलाए। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी आपके बच्चेे को कान के संक्रमण से बचा सकता है।
प्रदूषण से रखें दूर
अगर बच्चे के कान को स्वस्थ्य देखना चाहते है तो इस बात का ध्यान रखें कि उसे कोई बाहरी प्रदूषण की वजह से कोई दिक्कते तो नही हो रही। इस दौरान बच्चे को सूरज की तेज धूप के साथ ही धुएं आदि से भी बचाना चाहिए।
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