किसानों की सहायता और सहयोग के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा
दिलीप माहेश्वरी-बलौदाबाजार
इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ऐसे में ठिठुरती रात में सड़क पर आंदोलन करते किसानो भाईयो की पीड़ा देखकर मन भर आता है। इस मुश्किल घड़ी में उनकी सहायता और सहयोग के लिए सारा देश प्रार्थना कर रहा है कि जल्द से जल्द उन्हें न्याय व समाधान मिले। ऐसे देश के प्रधानमंत्री को भी इन किसान भाइयों की पीड़ा समझनी चाहिए, जिसके चलते उन्हें अपने ही खेत को छोड़कर आंदोलन की राह पर आना पड़ा।
बलौदाबाजार किसान एसोशिऐशन संघ ने किसानों कि मांग को जल्द पूरा करने हेतु ज्ञापन कलेक्टर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को सौपा हैं। हमारे नगर के संवाददाता दिलीप माहेश्वरी ने किसानो से बातचीत की इस संबंध मे जानकारी देते हुए।
राज्य कृषक कल्याण परिषद् के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि केन्द्र के न्याय कृषि कानून से धीरे धीरे मंडियां खत्म हो जाएंगी। जब कोई भी पैनकार्ड धारी कहीं भी कृषि उपज की खरीद कर सकेगा तो वह मंडी क्यों जाएगा। मंडी बन्द हो जाने के बाद खरीददार मनमानी करेंगे दूसरे दिन में भंडारन की छूट दी गई है। जिससे पूॅजीपति कृषि उपज का असीमित भडारन कर कृत्रिम अभाव पैदा करेंगे और उपभोक्ता संकट में फसेगा । तीसरा बिल जो अनुबंध खेती की देता हैं वह किसान के पक्ष में नहीं है बल्कि किसी भी विवाद की स्थिति मे किसान को ही नुकसान होगा। किसान अपने ही खेत मे मजदूरी करने के लिए मजबूर होगा।
राकेश वर्मा ने बताया कि किसानो के आंदोलन को एक माह से भी ऊपर हो चुका हैं। वर्तमान मे ठंड का प्रकोप भी काफी बढ़ चुका है। उनको ऐसी कड़कड़ाती ठंड मे सड़को पर देख कर मन पीड़ा से भर जाता हैं। इस दौरान अनेक किसान अपना जीवन गवां चुके है। किसानों की जो समस्याएं हैं उसका जल्द से जल्द निराकरण किया जाना चाहिए।
किसान जगदीश ने बताया कि एक माह का समय बीत जाने के बावजूद नए कृषि कानूनों पर किसान संगठनो एवं के्रन्द्र सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। किसान चाहता है कि समाधान हो कानून संशोधन होना चाहिए देश के लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि से जुडा ़े हुआ है ंभारत का किसान कर्ज में पैदा होता हैए कर्ज में जीता है और कर्ज में ही मर जाता है ऐसे में नया कृषि कानुन रद््द होना चाहिए।
जय जवान और जय किसान का देश
हमारे देश मे जय जवान जय किसान का नारा जन जन में प्रचलित है। एक तरफ जहां सेना में रहकर सीना ताने देश की सुरक्षा मे तैनात वीर सपूत सीमा पर बाहरी खतरों से हमारी रक्षा कर रहें हैं, वहीं हमारे देश के किसान ठंड, गर्मी और बरसात की परवाह न करते हुए कठिन परिस्थितियों में फसल का उत्पादन कर देश की लगभग सवा सौ करोड़ जनता का पेट भरते है़ं। वास्तव में किसान हमारे पालनहार है और किसानों की स्थिति भी किसी से छुपा नहीं है।
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