July 1, 2025

एक समान लिखे उत्तर तो नकल प्रकरण बनाएगा सीएसवीटीयू

ऑनलाइन परीक्षा में भी निगरानी!

पायनियर संवाददाता-रायपुर

स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि ने इंजीनियरिंग सेमेस्टर परीक्षाओं की समय-सारिणी घोषित कर दी है। परीक्षाएं 11 जनवरी से शुरू होंगी। इसके साथ ही सीएसवीटीयू ने उन दिशा-निर्देशों की सूची भी जारी कर दी है, जिनका पालन छात्रों द्वारा परीक्षा के दौरान किया जाना है। सीएसवीटीयू ने छात्रों से आग्रह किया गया है कि वे पूछे गए प्रश्नों के उत्तर को अनावश्यक विस्तार न दें। जितना प्रश्न में पूछा गया है, सिर्फ उनके उत्तर ही देने कहा गया है। गौरतलब है कि अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा पूर्व में ही ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा चुकी हैं। इसमें देखा गया था कि घर से उत्तर लिखने के कारण छात्रों ने उत्तर को अनावश्यक विस्तार दे दिया था।
इंजीनियरिंग की परीक्षाओं में भी ऐसा न हो, इसलिए सीएसवीटीयू ने पहले ही चीजें स्पष्ट कर दी हैं। तकनीकी विवि अप्रैल-मई और नवंबर-दिसंबर दोनों ही सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन एक साथ करने जा रहा है। समय-सारिणी विवि की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। अतिरिक्त जानकारी के लिए छात्रों को महाविद्यालयों से संपर्क करने कहा गया है। प्रश्नपत्र सुबह 10 बजे छात्रों को ई-मेल और व्हॉट्स ऐप के जरिए भेजा जाएगा। 2 बजे तक छात्रों को इसके उत्तर लिखकर अपलोड करने होंगे। प्रवेशपत्र के साथ सेल्फी छात्रों को 42 पृष्ठ की उत्तरपुस्तिका तैयार करनी होगी। सभी प्रश्नों के उत्तर लिखे जाने के पश्चात बचे हुए पृष्ठ को काटना होगा। यदि उत्तरपुस्तिका इससे कम होगी तो इसे निरस्त कर दिया जाएगा। प्रथम पृष्ठ का प्रारूप विवि की वेबसाइट में होगा, जो प्राचार्य द्वारा छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे पृष्ठ के रूप में छात्रों को अपने प्रवेशपत्र के साथ सेल्फी अपलोड करनी होगी। विवि ने उन ऐप का भी जिक्र किया है, जिसके जरिए छात्रों को अपनी उत्तरपुस्तिका स्कैन करनी है। विवि ने मूल्यांकन टेबल भी जारी कर दिया है। परीक्षाओं में ऑफलाइन परीक्षाओं की भांति ही क्लास टेस्ट तथा असाइनमेंट आदि के अंक भी जुड़ेंगे। आपस में नहीं कर सकेंगे संपर्क परीक्षाओं के दौरान छात्रों को एक-दूसरे से या अन्य किसी के साथ संपर्क करने पर मनाही होगी। यदि निगरानी करते समय ऐसी गतिविधि पाई गई तो नकल प्रकरण के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। हालांकि विवि प्रबंधन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ऑनलाइन निगरानी किस तरह से की जाएगी। इसके अलावा यदि दो उत्तरपुस्तिकाओं में एकरूपता पाई जाती है तो दोनों छात्रों पर नकल प्रकरण बनेगा।

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