June 14, 2025

गर्म कपड़ों का मार्केट किसान आंदोलन के कारण उलझ गया

रायपुर में सीजन के बीच 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित

पायनियर संवाददाता-रायपुर

गर्म कपड़ों के सीजन में कमाई रुकने के बाद राजधानी के ज्यादातर कारोबारी चिंतित हैं। खासकर सीजन की शुरुआत में महंगे स्टॉक का आर्डर देने के बाद कारोबारी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण उलझ गए हैं। लुधियाना, अमृतसर से दिल्ली के रास्ते बाई रूट आने वाला स्टाक बार्डर पर रोक दिया गया है। रायपुर में सीजन के बीच 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित है। कारोबारियों का कहना है, नवंबर और दिसंबर ही सीजन के हिसाब से अहम है। जनवरी आने और फिर ठंड के लौटते दिनों में स्टॉक की बिक्री कम हो जाती है, ऐसे में स्टॉक समय पर नहीं पहुंचने से अब नुकसान की चिंता सता रही है। रायपुर में ही सीजन में होने वाले 20 करोड़ का व्यापार प्रभावित है। ज्यादातर होजियरी घरानों से दिए गए आर्डर एडवांस बुकिंग में जाम हो गए हैं। बताया गया है, रायपुर में एडवांस बुकिंग पर स्टॉक लुधियाना और दूसरी जगहों से रवाना तो हुआ, लेकिन दिल्ली आते तक किसान आंदोलन की वजह से ट्रांसपोर्ट में फंस गया। बार्डर पर वाहनों के रोके जाने के कारण समय में उन्हें गर्म कपड़ों का स्टॉक नहीं मिल सका।
ट्रेनों के शेड्यूल बदलने से भी राहत नहीं किसान आंदोलन को लेकर रेलवे ने एक बार फिर ट्रेनों को अंबाला तक चलाने और देशभर की कई रूटों की ट्रेनों को रद्द करने फैसला लिया, इससे भी कारोबारियों को नुकसान हुआ। 16 नवंबर को हावड़ा से अमृतसर जानेवाली पार्सल स्पेशल ट्रेन को दिल्ली तक चलाने का निर्णय लिया गया, लेकिन स्टॉक की सप्लाई रुकने से बाई रूट भी परेशानी बढ़ गई। अनलॉक के वक्त से सीजन की तैयारी पूरे लॉकडाउन में घाटा सहन करने के बाद कारोबारियों को अनलॉक में सीजन से बहुत उम्मीदें बंधी थीं। लिहाजा सितंबर से ही ऑनलाइन बुकिंग के जरिए भी बड़े कारोबारी घरानों ने स्टॉक मंगवाने के लिए भुगतान किया। रायपुर में ज्यादातर गर्म कपड़े लुधियाना से पहुंचते हैं। लोकल बाजार में गर्म कपड़े समय पर नहीं पहुंच पाने से चिंता बढ़ी। जनवरी की शुरुआत में बाजार से कमाई होना मुश्किल है। पुराने स्टॉक के लिए अगले सीजन में एक साल फिर पिछड़ जाएगा। चाइना में रोक की वजह से बदला आर्डर लुधियाना के पहले चाइना से भी गर्म कपड़ों का कारोबार बड़े स्तर पर होता था। चाइना से आयात रुकने के बाद लुधियाना से गर्म कपड़ों के लिए संपर्क साधा गया। लाट में रायपुर से आर्डर निकला, लेकिन दिल्ली के रास्ते स्टॉक के रवानगी होने के बाद माल बार्डर पर फंस गया। कारोबारियों का यह भी कहना है, इस बार ट्रांसपोर्टिंग चार्ज पहले से ज्यादा लगा, लेकिन लाखों रुपये के आर्डर देने के बाद माल नहीं मिलने से उल्टे नुकसान बढ़ गया। बाद की बुकिंग में नुकसान प्री-बुकिंग होने पर ज्यादातर स्टॉक पहुंच गया।

  • इसमें नुकसान न के बराबर है, लेकिन आंदोलन उग्र होने पर ऐसे व्यापारियों जिन्होंने तत्काल आर्डर दिया, उन्हें नुकसान हुआ। ज्यादा ठंड पडऩे वाले शहरों में सबसे ज्यादा कारोबार प्रभावित हुआ है।
    – महेश चौधरी, कपड़ा कारोबारी, पंडरी
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