June 14, 2025

जांच के नाम पर दिखावा कर पल्ला झाड़ रहे अधिकारी, दोषी सरपंच को बख्शा

सवाल – जांच में पाया कि सरपंच पति के कहे जाने पर पंचायत सचिव ने कोरा नकल प्रस्ताव में सील व हस्ताक्षर कर छोड़ा था, फिर सचिव दोषी और सरपंच पति निर्दोष कैसे?

पायनियर संवाददाता छुरिया

जनपद पंचायत छुरिया के ग्राम पंचायतों में गड़बड़ी, फर्जीवाड़े, गबन, जैसे मामलों की शिकायतों की जांच एवं हो रही कार्यवाही को लेकर कई गफलतें देखने को मिल रही है। आरोपों में फंसे सरपंच, सरपंच पति, पंचायत सचिव या अन्य पंचायत के कर्मचारियों को बचाया जाने का खुला आरोप जनपद पंचायत के अधिकारियों पर लग रहा है।

ग्राम पंचायत रानीतालाब के ग्रामीणों ने 24 सितंबर को कलेक्टर के पास 9 बिंदुओं की शिकायत की थी। इन शिकायतों में सरंपच, सरपंच पति और सचिव पर गंभीर आरोप लगे थे। इस शिकायत की जांच में सारा मामला साफ हो गया और तीनों को ही दोषी पाया गया। जांच उपरांत सच सामने आने बाद भी नौ बिन्दुओं में से प्रमुख तीन चार बिंदुओं पर ही जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।

इन आरोपों में दोषी पाए जाने के बावजूद भी सारा ठिकरा अकेले सचिव तिलक सिन्हा पर फोड़ दिया गया। जबकि इस पूरे मामले में सरपंच पति मोतीलाल बंधे की भूमिका सबसे ज्यादा संदिग्ध है। उन पर देर रात पंचायत भवन खुलवाकर फर्जी पंचायत प्रस्ताव तैयार करवाने का आरोप है। जांच प्रतिवेदन में सरपंच पति मोतीलाल बांधे के कहने पर सचिव द्वारा सील व हस्ताक्षर कर कार्यवाही की नकल प्रति को दिया जाना सही पाया गया है, बावजूद इसके उन्हें दोषी नहीं बताया गया है।

चपरासी के मानदेय में घोटाला
सवाल यह है कि बगैर किसी पद के सरपंच पति व चपरासी रात्रि में आठ बजे पंचायत भवन को खोलकर पंचायत के शासकीय कार्य में लापरवाही पूर्वक बैठक कार्यवाही की नकल प्रति को फर्जी तरीके से तैयार कर चुके थे। इस गंभीर प्रवृत्ति के अपराध के बावजूद उन्हें कार्रवाई के दायरे से क्यूं बाहर रखा गया। प्रिया साप्ट की प्रति अनुसार दस फरवरी 2020 को एक ही दिन 34 हजार और 4 हजार रुपए का चपरासी को मानदेय हेतु भुगतान किया गया है।
वहीं सचिव तिलक सिन्हा ने बताया कि अप्रैल 2020 में ग्राम रानीतलाब की तालाब लीज पंचायत में जमा हुआ था जिसमें से पांच हजार चपरासी को मानदेय दिया गया है। अब फरवरी में दो बार मानदेय दिया गया था तो फिर तालाब लीज की राशि को चपरासी को क्यों दिया गया।
नहीं किया 40 हजार का भुगतान
मनरेगा के तहत सड़क बंजारी में तालाब गहरीकरण कार्य में 100प्रतिशत मजदूरी खर्चा पूर्ण होने के बाद भी 40 मजदूरों को 6 दिन अतिरिक्त कार्य कराया गया था। दसके कारण 40 मजदूरों का 40 हजार 240 रुपए का भुगतान नहीं हो पाया है। इसमें जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में तकनीकी सहायक हेमंत साहू, रोजगार सहायक भारती लहरे, पंचायत सचिव तिलक सिन्हा के पर 14080-14080 रुपए की वसूली नोटिस थमा छोड़ दिया। जबकि वसूली के साथ-साथ इन पर उचित कार्यवाही भी किया जाना चाहिए था। क्योंकि इनकी लापरवाही के चलते मजदूरों को मेहनत करने के बाद भी मेहनताना के लिए इतने लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा।
बगैर जानकारी किया आहरण
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत रानीतलाब में तालाब गहरीकरण कार्य की कुछ मजदूरों के खातों में कार्य बंद होने के बाद अभी तक कोई राशि नहीं आया है। शिकायत बिंदु क्रमांक पांच, में ग्राम पंचायत रानीतलाब के 2015 से अभी तक पंचायत खाते में विकास कार्यों की राशि के बारे में जानकारी नहीं दिया जा रहा है की शिकायत थी। जानकारी सामने आई है कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक लाखों रुपए पंचायत खातों से आहरण किया गया है। इसका कोई भी पंचायत प्रस्ताव नहीं लिया गया है ना ही किसी पंचों को इसके बारे में जानकारी दिया गया है।

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