पायनियर संवाददाता-रायपुर/केशकाल
वन विभाग में एक साथ 35 अफसरों के तबादले की परत खुलने लगी है। मामला केशकाल वनमण्डल का है जहां पर पांच माह का भी कार्यकाल पूरा न कर सके वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील का स्थानांतरण कर दिया गया है। अब विरोध में ग्रामीणों ने आदोलन खडा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर केशकाल विधायक एवं उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गणवीर पर अरोप लगाया है कि केशकाल वनमण्डल में जबसे उनकी पदस्थापना हुई आम जनता , आधिनस्त अधिकारियों कर्मचारियों से उनका कार्य व्यवहार अच्छा नहीं होने से वनमण्डल केशकाल का समस्त विभागीय योजना एवं कार्य प्रभावित हो रहा है। विधायक ने पत्र में यह भी लिखा है कि क्षेत्र की जनता के जनभावना को देखते हुए केशकाल में पदस्त वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील की पदस्थापना कहीं और कर दी जाए वहीं साथ ही संतराम ने आर.के चंदेले को केशकाल वनमण्डाधिकारी बनाने की अनुशंसा भी कर दिया है शासद अनुसंशा भी जनभावना को देखते हुए ही विधायक जी ने किया होगा। आपको बता दें कि जिन चंदेले साहब को केशकाल में पदस्त करने की मांग की गई थी वे सुकमा में डीएफओ रहते हुए तकरीबन 70 लाख रुपये का स्वीमिंग पूल अपने सरकारी बंगले में बनाया था। उस समय वे मीडिया में सुर्खियों का केन्द्र बने हुए थे। खैर राज्य सरकार ने केशकाल विधायक की बात नहीं सुनी न ही सीसीएफ बडगैयां को हटाया गया और न ही चंदेले की पोष्टिंग की गई वहां पर बीएस ठाकुर को वनमण्डलाधिकारी बनाकर भेज दिया।
अगर हम कुछ माह पहले की बात करें तो विधायक संतराम नेताम ने सीसीएफ बडगैंया के उपर शासकीय कार्य में रुचि न लेने तथा स्थानीय लोगों से अच्छा व्यवहार न रखने का अरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर बडगैंयां को हटाने की मांग की थी। लेकिन बडगैंया अभी भी सीसीएफ के पद पर काबिज हैं। जानकारों का मानना है कि समाचार पत्र में खबर छपने के बाद सीसीएफ बडगैंया ने अपने आचरण पर सुधार कर लिया वे अब सरकारी कार्यों में पूरा रुचि ले रहे है तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जनभावनाओं का भी ख्याल रखते हैं।
धम्मशील के तबादले से नाराज के ग्रामीण उतरे सड़कों पर
मंगलवार को छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर ष्ठस्नह्र के तबादले हुए हैं, जिसके चलते केशकाल वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर का ट्रांसफर दुर्ग हो गया है, वहीं उनकी जगह रायपुर वनमण्डल के डीएफओ बीएस ठाकुर केशकाल आये हैं। लेकिन केशकाल वनमण्डल अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कुडंमारी, उपरबेदी, माँझीनगढ़, टाटामारी में डीएफओ धम्मशील गणवीर द्वारा व्यापक पैमाने पर विकासकार्यों की शुरुआत की गई थी जिससे आने वाले समय मे केशकाल वनमण्डल अंतर्गत आने वाले पर्यटन स्थलों का कायाकल्प होने वाला था। लेकिन डीएफओ के तबादले की खबर सुन कर स्थानीय वन समितियां व ग्रामीण नाखुश नजर आये। बुधवार सुबह खल्लारी के ग्रामीण सड़क पर उतर आए और डीएफओ का ट्रांसफर रोकने हेतु सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। तथा बड़ेराजपुर ब्लॉक के विभिन्न ग्रामवासियों ने मिलकर तबादला रुकवाने हेतु मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है भविष्य में व्यापक पैमाने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी
दी है।
आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017 में भजापा सरकार के दौरान भी वनमंडलाधिकारी धमशील गणवीर केशकाल वनमण्डल में पदस्थ थे लेकिन केवल 3 महीने में ही तबादला कर दिया गया था इसकी खास वजह इनकी ईमानदारी थी। वर्तमान में भी केशकाल वनमण्डल का कार्यभार ग्रहण करते ही इनके द्वारा वनमंडल क्षेत्र अंतर्गत सभी कार्यों का भुगतान पारदर्शीता के साथ किया जा रहा था जिसके चलते मजदूरों को समय पर उनकी मजदूरी का भुगतान भी मिल रहा था लेकिन वनमण्डल अधिकारी को लगातार दूसरी बार ईमानदारी का इनाम तबादले के रूप में मिला है। जिसको लेकर स्थानीय वन समितियों व ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
ग्राम खल्लारी निवासी पूनम सलाम ने बताया कि वर्तमान वनमण्डल अधिकारी धम्मशील गणवीर के द्वारा हमारे माँझीनगढ़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है साथ ही पर्यटन स्थल के माध्यम से स्व- सहायता समूहों व स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने की ओर भी पहल की गई है। लेकिन प्रशासन द्वारा उनका तबादला कर दिया गया है, यदि उनका तबादला नही रोका गया तो आने वाले समय मे हम उग्र आंदोलन करेंगे।
मैंने गणवीर को न हटाने बाद में फोन करके निवदेन किया : संतराम
हाताश विधायक ने कहा हां मैने हटाने के लिए पत्र लिखा था बाद में मैने मंत्री जी को फोन करके बोला भी था की अब डीएफओ साहब अच्छा काम कर रहे हैं जनता उनको पसंद कर रही है। लेकिन ये सब क्यों हुआ इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। विधायक ने यह भी कहा कि डीएफओ शासन के नियमों को लेकर सख्त हैं।
वन मंडलाधिकारी गणवीर ने आरोपों को किया खारिज
इस संदर्भ में पायनियर टीम की अफसर गणवीर धम्मशील से बात हुई तो उन्होनें बतााया कि महज 5 माह मेरी पोष्टिंग हुए बीता था। सरकारी योजनाओं का क्रियान्वन बेहतर तरीके से किया जा रहा है। कई विकास कार्यों की स्वीकृती मिल चुकी है। वनप्रबंधन समितियों के विकास कार्य स्वीकृत हो चुके हैं तकरीबन 3.50 करोड के कार्य भी प्रारम्भ होने जा रहा है। केशकाल में समस्त पर्यटन स्थलों को बढाबा मिल सके उसके लिए माननीय् मंत्रगण से चर्चाअनुरुप क्षेत्र का दौरा कर कार्ययोजना तैयार किया गया है ताकि स्थनीय लोगों को रोजगार मिल सके। लघु वनोपज हर्रा, बेडा, चिरौंजी तथा अन्य प्रजाति के लाखों की संख्या में अगले साल पौधारोपण की तैयारी है। विकास कार्यो तथा विभागीय कार्यों का पूरा रुपरेखा मेरे द्वारा लगाातर क्षेत्र का दौरा करके तैयार किया गया है।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)