मो. तनवीर कुरैशी -जशपुरनगर
नगर पालिका परिषद् निर्माण कार्यों को लेकर सुर्खियों में है। टेंडर की दर का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक सीसी रोड से जुड़ा विवाद शुरू हो गया है। मामला निजी जमीन में भूस्वामि से अनुमति लिए बिना सीसी रोड बना दिए जाने का है। वहीं जब भूस्वामि जब अपनी जमीन पर सड़क का निर्माण देखा तो उसने नाराज होकर सड़क को मिट्टी-मुरूम डालकर बंद करा दिया। यह मामला नगर पालिका परिषद् क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-१ का है। इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१९ के नवंबर महीने में नगर पालिका से वार्ड क्रमांक- १ के पुराना सीसी रोड से बाबूलाल के घर तक नया सीसी रोड निर्माण के लिए ३.४१ लाख रुपए का टेंडर निकाला गया। उक्त सड़क को २२ प्रतिशत बिलो में हासिल करने के बाद ठेकेदार ने सीसी रोड का निर्माण करा दिया। कुछ दिनों बाद जमीन मालिक को इसकी जानकारी मिलने पर उसने सड़क को बंद करा दिया। अब सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी है।
सड़क निर्माण पर उठ रहे सवाल
नगर पालिका द्वारा वार्डों में सड़क बनाए जाने को लेकर अपनाई जा रही औपचारिकताओं में सवाल उठना शुरू हो गया है। दरअसल भूस्वामियों का यह कहना है कि जमीन मालिक की अनुमति और सहमति लिए बिना जमीन में सड़क बना देना अनुचित और गैरकानूनी है। हम इसका विरोध करते हैं। दरअसल दूसरे निर्माण कार्य एजेंसी विभागों में सड़कों के निर्माण से पूर्व जमीन अधिग्रहण की औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं और उन्हें मुआवजा दिया जाता है। लेकिन यहां यदि मुआवजा का प्रावधान न भी हो तो कम से कम भूस्वामि से उनकी अनुमति लेने पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
पार्षद की सहमति ही सर्वोपरि?
वार्ड क्रमांक-१ की सड़क पर उठे विवाद के संबंध में नगर पालिका की प्रभारी सीएमओ और सहायक अभियंता वसुंधरा भगत से भूस्वामि से सहमति और अनुमति के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जहां आम रास्ता होता है उसकी जानकारी देकर पार्षद नगर पालिका में दर्खास्त देते हैं उसके बाद ही टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है और निर्माण कार्य कराया जाता है। भूस्वामि की सहमति और अनुमति का प्रावधान नहीं है।
- निजी जमीन पर आवागमन के अनुसार और पार्षद के कहने पर सड़क का निर्माण कराया गया है। भूस्वामि को कोई दिक्कत है तो पहले आना था। बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
-वसुंधरा भगत,
प्रभारी सीएमओ, नपा जशपुर
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