July 1, 2025

जशपुर क्यों पिछड़ रहा है यह जानना भी जरूरी  46 साल से चल रहा है प्रयास, अब भूपेश से आस

पायनियर संवाददाता .जशपुरनगर
प्राकृतिक सौंदर्यता से विश्वविख्यात जशपुर को अब पिछड़ा जिला कहकर संबोधित किया जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद हाल ही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल दो दिवसीय जशपुर दौरे पर पहुंचे और उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए एक तरफ जशपुर की वादियों को खूबसूरत बताया और यहां के लोगों को भी खूबसूरत कहा। लेकिन उन्होंने विकास के प्रति इसे पिछड़ा कहकर संबोधित कर दिया जिसके बाद से उनके बयान को लेकर जशपुरवासियों नाराजगी है और सियासी विरोध भी शुरू हो गया है। वहीं जशपुर के पिछड़े पन की खास वजह यहां अबतक रेलवे की सुविधा शुरू नहीं होना बताई जा रही है। हैरत की बात यह है कि प्रदेश के मुखिया के समक्ष सड़क, अस्पताल, पुलिया और कॉलेज आदि की मांगों को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सीएम बघेल ने तत्काल कुछ मांगों को पूरा भी कर दिया लेकिन रेलवे के संबंध में किसी ने सीएम से एक टूक भी न ही चर्चा की और न ही लिखित में ध्यानाकर्षण कराया, लिहाजा सीएम ने भी इस पिछडऩे की वजह के पीछे जाने की जरूरत नहीं की। अब जशपुरवासियों की आस केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी टिकी है।
इंदिरा ने कराया था सर्वे
जशपुर को रेलवे से जोडऩे के लिए कॉलेज के दिनों से छात्र जीवन से संघर्ष कर रहे रेलवे संघर्ष समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश सहाय ने बताया कि देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष १९७५ में लोहरदगा से जशपुर-कोरबा रेलवे लाइन का सर्वे कराया था और उसे बजट में शामिल किया जाना था लेकिन बजट में शामिल न हो पाने की वजह से सर्वे का काम होने के बावजूद काम शुरू नहीं हो सका। उन्होंने कहा जशपुर में रेलवे की शुरूआत के लिए कांगे्रसी पीएम इंदिरा गांधी ने शुरूआत किया था तो उस कार्य को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से मजबूत प्रयास किया जाना चाहिए। सीएम बघेल को जशपुर में रेल पहुंचाने की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
सांसद कर रहीं हैं पत्राचार
जशपुर को रेल से जोडऩे के लिए लोकसभा सांसद गोमती साय भी प्रयासरत हैं। उन्होंने रेल मंत्री को अबतक दिल्ली में मुलाकात कर व्यक्तिगत ज्ञापन सौंपा है और क्षेत्र की जनता की समस्याओं का हवाला देते हुए रेल दिलाने की मांग की है।
विधायक गंभीर नहीं
जशपुर विधायक विनय भगत के द्वारा सीएम सभा में संबोधन के द्वारा १० मांग रखी गई जिसमें से ७ मांगों को सीएम बघेल ने मंच से ही पूरा कर दिया। लेकिन उन्होंने अपनी मांग में रेलवे को शामिल ही नहीं किया। यदि विधायक भगत ने रेलवे के प्रति गंभीर होकर अपनी मांग पत्र में रेलवे को शामिल किया होता तो सीएम बघेल के द्वारा उसी दिन से इस ओर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता। सीएम की सभा में बातचीत होने का एक अलग और महत्वपूर्ण प्रभाव पडऩे की पूरी संभावनाएं थीं।

1975 में इंदिरा गांधी के द्वारा जशपुर में रेलवे लाइन के लिए सर्वे का काम कराया गया था अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार इसे आगे बढ़ाए तभी यहां का पिछड़ापन दूर होने की संभावना है।
अखिलेश सहाय, अध्यक्ष रेलवे संघर्ष समिति

Spread the love