July 1, 2025

बोनस के लालच में किसानों के पर्चे में धान बेच रहे बिचौलिए

रवि भूतड़ा . बालोद
प्रदेश भर में जहां एक ओर 1 दिसम्बर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी हैं, तो वही जिले के धान कोचिए एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। धान कोचिए किसान के पर्चे में अपनी खरीदी हुई धानों को संबंधित सहकारी समिति प्रबंधक व अध्यक्ष से मिलीभगत कर बोनस की लालच में खपा रहे हैं। जो किसान धान की फसल नहीं ले पाते हैं या जिस किसान के खेत से फसल कम आती हैं, वैसे किसानों के पास जाकर धान कोचिए अपनी लुभावनी बातों से किसान के पर्चे में अपना धान शासन को बेच रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे बोनस की लालच में कोचिए किसानों के पर्चे में अपना धान खपा रहे हैं। उल्लेखनीय हो कि शासन कोचिया पद्धति पर लगाम लगाने के उद्देश्य से प्रदेश के किसानों से सीधे धान खरीदी कर रही हैं। शासन द्वारा दिए जा रहे बोनस पर जिले के धान कोचियों की नजर आ पड़ी हैं और ऐसा नहीं हैं कि यह इस साल देखने मिल रहा हैं बल्कि हर साल यह देखने मिलता हैं धान कोचिए मंडी अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए किसानों के पर्चों में अपनी खरीदी हुई धानों को खपाते आ रहे हैं।
अवैध कमाई कर रहे कोचिए
जिले भर में धान कोचिए किसानों के पर्चे का इस्तेमाल करते हुए अवैध कमाई कर रहे हैं। अक्सर देखा जाता हैं कि किसानों को जब पैसों की जरूरत आन पड़ती हैं तो यही कोचिए किसानों को भारी ब्याज के साथ पैसे दे देते हैं। उक्त रकम के एवज में किसान का पर्चा और ब्लैंक बैंक विड्रॉल फार्म में हस्ताक्षर करवा अपने पास बतौर गारंटी रख लेते हैं। जिसके चलते किसान कोचियों की गिरफ्त में बंध जाता हैं। फिर उसी किसान के पर्चे का इस्तेमाल करते हुए कोचिए अपना धान खपाते हैं। जिससे किसान को आने वाले बोनस पर भी कोचिए डाका डाल लेते हैं।
किसानों को पैसों के लिए घुमाते हैं कोचिए
आज कोचिए किसानों की मजबूरियों का फायदा उठा रहे हैं। साल भर किसानों का खुद को मददगार बताने वाले ये धान कोचिए जरूरतमंद किसानों को अनाप-शनाप ब्याज में पहले पैसे देते हैं, पैसों के साथ कुछ सामानों की भी मदद करते हैं। फिर जब किसान साल भर की मेहनत से जो फसल तैयार करता हूं उस पर ये कोचिए अपनी गिद्ध नजर बना उसको हड़प लेते हैं। साथ मे बोनस का पैसा भी। मतलब यह कि किसानों के खून को सभी तरह से चूस रहे है।
पिछले वर्ष प्रशासन ने की थी कार्यवाही-
धान कोचियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिला प्रशासन ने पिछले वर्ष छापामार कार्यवाही करते हुए सैकड़ों क्विंटल धान जब्त किया था। कोचियों के गोदामों से अवैध रूप से रखे धान को जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई थी। जिससे जिले भर के धान कोचियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हुई थी। यहां तक कई राइस मिल के संचालकों में भी प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही से हड़कंप भी मचा था। कार्यवाही के दौरान कुछ राईस मिलो को सील भी किया गया था। बता दे कि जिले भर में छोटे-बड़े मिलाकर सैकड़ों धान कोचिए है। जो अपने धान को किसानों के पर्चे में खपाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं कई कोचिए ऐसे भी हैं जो किसान के धान को खरीदकर उन्हें पैसों के लिए भटकाते हैं।
समिति प्रबंधक व अध्यक्ष की मिलीभगत-
मिली जानकारी अनुसार समिति के प्रबंधक व अध्यक्ष कोचियों से आपसी मिलीभगत कर उनके धान को किसानों के पर्चे में खपाने अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिनके बदले बकायदा उन्हें कमीशन भी दिया जाता है। जिसके चलते कोचियों के हौसले बुलंद हैं। कभी कभी पैसों की लालच में खराब धान को भी समिति द्वारा खरीदा जाता हैं।

Spread the love