नई दिल्ली। 16 नवंबर, 2013 को क्रिकेट के भगवान कहने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। तेंदुलकर का करियर दो दशकों से ज्यादा का रहा। उन्होंने मुंबई में अपने घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 200 वें टेस्ट मैच के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अपने आखिरी टेस्ट में तेंदुलकर ने 74 रन बनाए। उन्हें स्पिनर नरसिंह देवनरायण ने वापस पवेलियन भेजा। डैरेन सैमी ने उनका कैच लपका। हालांकि, सैमी ने कैच लेकर उन्होंने जश्न भी नहीं मनाया।
तेंदुलकर ने वानखेड़े में एक भाषण दिया। इसने दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा, ‘समय काफी जल्दी निकल गया, लेकिन यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। खासतौर से ‘सचिन सचिन’ मेरे कानों में तब तक गूंजता रहेगा जब तक मैं सांस लेना बंद नहीं करता।’
पिछले साल, तेंदुलकर आइसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले छठे भारतीय बन थे। महज ये इत्तेफाक ही है कि 46 वर्षीय दिग्गज क्रिकेटर ने 15 नवंबर 1989 को 16 साल की उम्र में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 34,357 रन बनाए। इस मामले में दूसरे नंबर पर श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर कुमार संगकारा हैं। तेंदुलकर ने उनसे 6,000 रन अधिक बनाए हैं।
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