बढ़ती उम्र के साथ दांत अस्वस्थ होने की समस्या कॉमन होती जा रही है पर क्या बच्चों में भी ऐसा होता है। जी हां। बच्चों के दांत में कम में पीलापन नजर आना अस्वस्थ दांत की निशानी है। अगर आपके बच्चे के दांत भी पीले हो रहे हैं तो उन पर ध्यान दें। इसका कोई भी कारण हो सकता है। डेंटल हाइजीन न फॉलो करना या कभी-कभी दांतों में पीलापन अनुवांशिक भी होता है। ऐसा नहीं है कि दांत का रंग पहले जैसा नहीं हो सकता पर आपको समय रहते डेंटिस्ट से संपर्क करना चाहिए। बच्चों दांत में पीलापन प्लॉक जमा होने, कैविटी बनने का संकेत भी हो सकता है इसलिए पूरी सावधानी बरतें। बच्चों को दांत साफ करने का सही तरीका बताएं और उसके साथ ही ब्रश करें ताकि आप ये सुनिश्चित कर पाएं कि बच्चे अपने दांत ठीक ढंग से साफ कर रहे हैं या नहीं।
क्यों पीले हो जाते हैं बच्चों के दांत?
जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती है दूध के दांत टूटकर नए दांत आते हैं। दोनों के रंग में थोड़ा अंतर होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वयस्कों के दांत मे ज्यादा डेंटिन होता है जिससे दांत, दूध के दांत से ज्यादा पीले लगते हैं। लेकिन ये एक नैचुरल प्रोसेस है। अगर बच्चों के दांत ज्यादा पीले लगते हैं तो उसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं जैसे-
- बच्चों के दांत पीले होने का कॉमन कारण है कैविटी। दांत में सड़न होने से उनका रंग बदल जाता है। इससे आपको बच्चे के दांत में गहरे धब्बे नजर आएंगे। धीरे-धीरे ये स्पॉट कैविटी बन जाता है। इसलिए ऐसा होने पर बच्चे को डेंटिस्ट के पास लेकर जाएं।
- बच्चों के दांत पीले होने का एक कारण है प्लॉक जमा होना। अगर बच्चे अपने दांत को अच्छी तरह साफ नहीं करेंगे तो उन पर एक परत जमने लगती है जो दिखने में पीले रंग की होती है उसे हम प्लेक कहते हैं।
- बच्चे जो चीजें खाते हैं, उससे उनके दांत में पीलापन आ सकता है, खाने के बाद जब दांत की अच्छी तरह से सफाई नहीं होगी तो दांतों में पीलापन नजर आने लगेगा।
- दांत में चोट लगने के कारण ब्लड वैसल्स टूट जाती हैं और इससे भी दांतों का रंग पीला हो सकता है।
- दांत में मौजूद इनेमल अनुवांशिक यानी जैनेटिक होता है। इस कारण भी दांत का रंग पीला हो सकता है क्योंकि दांतों के रंग के लिए इनेमल को जिम्मेदार समझा जाता है।
- कम उम्र में बच्चों के दांत पीले होने का कारण दांत की बीमारी फ्लोरोसिस भी हो सकता है। दांत ज्यादा पीले नजर आने पर डेंटिस्ट से सलाह लें।
- सप्लीमेंट्स लेने या हेपेटाइटिस, जॉन्डिस या अन्य बीमारियों के कारण भी बच्चों के दांत पीले हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- बच्चों को शहद खिलाने के फायदे और सावधानियां, जानें किस उम्र में दें शहद
क्या बच्चों के दांत से पीलापन हटाने के लिए ब्लीचिंग सेफ है?
डॉ अभिषेक ने बताया कि बहुत से लोग क्लीनिक में आकर हमसे पूछते हैं कि बच्चे के दांत से पीलापन हटाने के लिए क्या ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका जवाब है नहीं। आपको बच्चों के दांत से पीलापन हटाने के लिए डेंटिस्ट से संपर्क करना है। बिना सलाह लिए ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बच्चों के दांत के लिए न करें। बच्चों के दांत पर ब्लीचिंग की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स में पैरॉक्साइड (peroxide) होता है जो बच्चों के दांत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए आपको ऐसा करने से बचना है खासकर उन बच्चों के लिए जिनके दूध के दांत हैं।
बच्चों के दांत को पीलेपन से कैसे बचाएं?
- बच्चों के दांत को पीलेपन से बचाने के लिए ब्रश करने के साथ ही फ्लॉस करने की आदत भी डालें, शुरूआत में आप अपने सामने ही बच्चे को फ्लॉसिंग करवाएं जिससे बच्चे के दांत में अटका खाना निकल जाए।
- बच्चे हों या बड़े, सभी को एक दिन में कम से कम दो बार ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए, इससे दांत पर प्लॉक नहीं जमेगा और आपके दांत हेल्दी रहेंगे।
- बच्चे जल्दी के चक्कर में ठीक तरह से ब्रश नहीं करते, आपको उन्हें बताना होगा कि पूरे दो मिनट अच्छी तरह से दांत को ब्रश से साफ करें।
- बच्चे अपनी परेशानी बता नहीं पाते, आपको उनसे बात करके समझना चाहिए कि कहीं उनके दांत से जुड़ी कोई समस्या तो नहीं है जिसे बच्चे छुपा रहे हों।
- ज्यादा चीनी का सेवन भी दांतों को पीलापन कर देता है क्योंकि शुगर इनेमल के लिए हानिकारक होती है। बच्चों को ताजी फल व सब्जियां खिलाएं।
More Stories
मांगों को मनवाने कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का आंदोलन- छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ जिला इकाई ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर शक्ति कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 24 अप्रैल को आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे संघ के सदस्य
मुख्यमंत्री की किसानों के हित में बड़ी घोषणा: समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी
सीएम बघेल के हमर सियान हमर अभिमान उद्देश्य को जिम्मेदार लगा रहे ग्रहण, विभागीय मंत्री के गृह जिले में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस पर नही हो पाया जिला स्तरीय कार्यक्रम