कोरोना की दस्तक के बाद से स्कूल, कॉलेज, पार्क, जिम, सिनेमा, ऐतिहासिक इमारतें आदि बंद पड़े हैं। लंबे समय से बच्चे और बड़े घर में ही हैं। घर के बड़े तो फिर भी कोरोना वायरस की स्थिति को समझते हैं। पर बच्चों के बालमन पर लंबे समय घर पर रहना गहरा असर पड़ रहा है। बचपन का मतलब खूब खेलना, निश्चिंत और बिंदास रहना होता है। पर कोरोना के साए में रह रहे बच्चों का बचपन घर की चार दीवारी में सिमट गया है। बच्चे अभी दोस्तों से मिल नहीं सकते, स्कूल बंद हैं और पार्क भी खेलने के लिए नहीं जा सकते हैं। ऐसे में घर में रहकर उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थय बिगड़ने लगा है। बच्चों में चिड़चिड़ापन आ गया है। बच्चों में बढ़ते चिड़चिड़ेपन की वजह से माता-पिता परेशान हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चों को खुश करने के लिए और उनके चिड़चिड़े स्वाभाव को दूर करने के लिए कई उपाय अपना सकते हैं।
बच्चों को खुश करने के लिए माता-पिता अपनाएं ये टिप्स-कोरोना वायरस ने बच्चों पर मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से गहर असर डाला है। यही वजह है कि बच्चों में डर, चिंता, तनाव, भविष्य के प्रति होपलेसनेस और स्वाभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। भारत की 41 फीसद आबादी 18 साल से कम उम्र की है। ऐसे इतनी बड़ी आबादी को मेंटल हेल्थ से जूझते छोड़ा नहीं जा सकता। इन टिप्स को अपनाकर आप अपने बच्चे को खुश कर सकते हैं।
1. कहानियों की ओर लौटें-साइकेस्ट्रीस्ट काउंसलर डॉ. आरिफ मगरीबी खान का कहना है कि लंबे समय से बच्चे घर में हैं। वे बार-बार एक ही सिलेबस की किताब नहीं पढ़ सकते हैं। ऊपर से अभी स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों का पढ़ाई की ओर कोई मोटिवेशन नहीं है। ऐसे में माता-पिता को दादा-नानी की कहानियों की ओर वापस आना होगा। पहले दादी-नानी जो कहानियां सुनाती थीं, उनसे बच्चों का शारीरिक और मानसिक दोनों से विकास होता था। आज भी ऐसा ही वक्त आया है कि हमें घर में रहकर ही अपने बच्चों को खुश करना पड़ेगा। नहीं तो वे गंभीर मानसिक बीमारियों से जूझ सकते हैं।
2. खेल खेलें-हम सभी ने अपने बचपन में गिट्टे, कैरमबोर्ड, कार्ड्स आदि खेल खेले हैं। आज फिर से हमें इन इनडोर गेम्स की ओर लौटना होगा। ताकि बच्चे खुश रह सकें। माता-पिता बच्चों के साथ इन गेम्स को खेल सकते हैं। इसके अलावा वे जब छोटे थे तब घर में रहकर कौन से खेल खेला करते थे, इस पर भी बच्चों से बात कर सकते हैं और खेल सकते हैं।
3. अच्छा खाना-कहते हैं किसी के दिल तक पहुंचने का रास्ता उसके पेट से जाता है। ज्यादा दिन घर में रहने की वजह से बच्चे बाहर वाली फीलिंग ले नहीं पा रहे हैं। ऐसे में आप घर में महीने में एक बार बच्चों को वो खाना बनाकर दे सकते हैं जो वे अगर बाहर जाते तो आपसे डिमांड करते। इस तरह से बच्चे खुश रहेंगे।
4. लक्ष्य तय करें-माता-पिता बच्चों को ऐसे छोटे टास्क दे सकते हैं कि वे एक महीने में फलां लक्ष्य को पा लेंगे तो माता-पिता उन्हें उनकी पसंद की चीज दिलाएंगे। इस तरह के लक्ष्य बच्चों को व्यस्त रखेंगे। जिससे वे अकेलापन महसूस नहीं करेंगे।
5. सकारात्मक विचार-बच्चों को बार-बार नकारात्मक खबरें न दिखाएं। इससे उनके बालमन पर गहरा असर पड़ता है। वे मायूसी में पहुंच सकते हैं। बच्चे को बार-बार यह कहें कि यह वक्त जल्दी खत्म हो जाएगा। उसे उन देशों के बारे में बताएं जिन्होंने कोरोना पर जीत हासिल कर ली है। अब वहां मामले कम आ रहे हैं। ऐसे उदाहरणों से बच्चों का मनोबल बढ़ेगा।
कोरोना के प्रभाव से बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है। आगे भविष्य बच्चे ही हैं। ऐसे में इनके बालमन पर नकारात्मक असर पड़ना भारत के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ना है। यहां बताए गए टिप्स माता-पिता अपने बच्चें को खुश करने के लिए अपना सकते हैं। दूसरा आप हमें यह बता भी सकते हैं आप ऊपर बताए गए तरीकों से अलग कौन से तरीके अपने बच्चों को खुश करने के लिए अपना रहे हैं।
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