पंचांग के अनुसार वर्ष 2021 में महाशिवरात्रि का पर्व 12 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि का पर्व है. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के व्रत का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन शिव भगवान की विशेष पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन शिव जी को प्रसन्न करने से जीवन में आने वाली परेशानियों को भी दूर करने की मदद मिलती है.
पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि
पंचांग के अनुसार 11 मार्च बृहस्पति को महाशिवरात्रि का पर्व है. इस दिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. पौराणिक कथा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था. इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है. जिन लोगों के विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है, उनके लिए महाशिवरात्रि का पर्व विशेष फलदायी माना गया है.
मनपसंद वर के लिए कन्याएं रखती है महाशिवरात्रि का व्रत
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मनपसंद वर पाने की इच्छा पूर्ण होती है. इसीलिए कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
श्रंगार करने से शिव जी होते हैं प्रसन्न
महाशिवरात्रि पर मनपसंद वर की चाहत रखने वाली कन्याओं को भगवान शिव का श्रंगार करना चाहिए. भगवान शिव का पुष्प और उनकी मन पसंद चीजों से श्रंगार करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव की आर्शीवाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भी लाभ मिलता है. इस दिन भगवान शिव का दूध,दही, घी, शहद और शक्कर आदि से अभिषेक करना चाहिए. इस दिन भगवान शिव को पांच बेल पत्री भी चढ़ाएं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
निशिता काल पूजा समय: 00:06 से 00:55, मार्च 12
अवधि: 00 घण्टे 48 मिनट
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