July 1, 2025

बफर लिमिट पार बावजूद परिवहन में नहीं आ रही तेजी

समितियों के पास धान रखने जगह का टोटा, टोकन भी नहीं मिल रहे

पायनियर संवाददाता-राजनांदगांव

बफर लिमिट की सीमा पार कर चुके घुमका सोसायटी में परिवहन की धीमी गति और रोजाना की बम्पर आवक से अब समिति में धान रखने जगह की समस्या खड़ी हो रही है। इधर धान बेचने टोकन के लिए अभी भी कई किसान लगातार भटक रहे हैं। समितियों में बारदाना का स्टॉक खत्म हो गया है। ऐसी स्थिति में 31 जनवरी तक धान खरीदी की राज्य सरकार की तय मियाद और तमाम सरकारी अवकाश को देखते हुए बमुश्किल महीने भर में धान की खरीदी कुल 24 कार्यदिवस ही शेष है।
बारदाने की कमी बनी सिरदर्द : बीते साल की औसत खरीदी के लिहाज से अभी कई किसानों का धान खरीदना बाकी है। इससे पहले ही बारदानों की समस्या खड़ी हो गई है। इस स्थिति से निपटने समितियों द्वारा सरकार के हवाले से किसानों के जुट बोरे में खरीदी की योजना भी किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है। चूंकि खुले बाजार में 30 से 35 रुपये के जुट बोरे के बदले किसानों को 15 रुपये थमाने की तैयारी की खबर है। जबकि अधिकांश किसानों की शिकायत है कि विगत वर्षों के बोरे का भुगतान नहीं हो पाया है।
टोकन भी नहीं मिल पा रहा : धान खरीदी का पूरा दिसम्बर महीना खत्म होने की कगार पर है और अव्यवस्था का आलम ये है कि अब तक पात्र किसानों को टोकन तक नहीं मिल पाया है। किसानों की आड़ में दलालों और कोचियों का धान धड़ल्ले से क्षेत्र की सभी सोसायटी में बिकने की शिकायत पर केंद्रीय बैंक प्रबंधन समेत तमाम जिम्मेदार विभाग के आला अधिकारियों को खबर नहीं है। क्षेत्र की सभी समितियों में टोकन, बारदानों को लेकर कमोबेश इसी तरह की शिकायतें बतायी जा रही हैं।

औपचारिकता निभा रहीं निगरानी समितियां

धान खरीदी में पर्याप्त व्यवस्था और सुविधाओं का दावा करते घुमका, मुरमून्दा, भैंसातरा और पटेवा केंद्र में नजर रखने प्राधिकृत अधिकारियों शाखा प्रबंधक आलोक झा और सहकारिता अधिकारी एके कापरे की नियुक्ति भी की गई है। सत्तापक्ष और प्रमुख विपक्षी भाजपा की ओर से सभी समितियों में निगरानी समिति का गठन भी इन हालातों में केवल औपचारिकता प्रतीत हो रह है। घुमका और पटेवा में किसानों के साथ घटित अमानवीय घटनाओं के बाद भी लचर व्यवस्था को देखते हुए सरकार, प्रशासन और विपक्ष से भी किसानों को उम्मीद नहीं दिख रही है। जबकि धान खरीदी के लिये गिनती के दिन बच गए हैं।

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