July 1, 2025

मिल्खा वाटिका में निर्माण की तैयारी पर विरोध, सिक्ख समुदाय भी आक्रोश में

पायनियर संवाददाता राजनांदगांव

नगर पालिक निगम ने कमला कॉलेज के सामने फ्लाईंग सिक्ख मिल्खा सिंह वाटिका के एक हिस्से में पौनी पसारी योजना के तहत निर्माण करवाने का फैसला लिया है। पहले इस योजना के तहत कौरिनभांटा तालाब में निर्माण होना था। स्थानीय लोगों की खिलाफत के बाद अब यह निर्माण यहां किए जाने की तैयारी है। इससे इतर, फ्लाईंग सिक्ख मिल्खा सिंह वाटिका के स्थल पर निर्माण का भी विरोध शुरु हो गया है। कई सामाजिक और पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्थाएं इसका विरोध कर रहीं हैं।

कमला कॉलेज के सामने और गुरुनानक पब्लिक स्कूल से लगी इस वाटिका में 08 जुलाई 2009 को नगर पालिक निगम द्वारा ही पौधरोपण किया गया था। अब इसी स्थल का चयन पौनी पसारी योजना के तहत निर्माण के लिए किया गया है। इससे कई संस्थाएं, संघ नाराज़ हैं। कहा जा रहा है कि एक ओर निगम पौधरोपण करने और उन्हें संभालने की सीख दे रहा है तो दूसरी ओर निगम खुद पेड़-पौधे खत्म करने पर उतारु है।
सिक्ख समुदाय से जुड़ा मामला
फ्लाईंग सिक्ख मिल्खा सिंह वाटिका के एक हिस्से में निर्माण का विरोध तेज हो गया है। हिंदु युवा मंच ने इस निर्माण का विरोध करते हुए इस निर्णय को सिक्ख समाज और खेल प्रेमियों की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। पौनी पसारी योजना के तहत यहां प्रस्तावित निर्माण को स्थानांतरित करने युवाओं ने सीधे कलेक्टर को खत लिखा है। वहीं इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन का भी जिक्र किया गया है। विरोध दर्ज कराते हुए कहा गया है कि प्रस्तावित निर्माण स्थल के बिल्कुल सामने कमला महाविद्यालय है जहां छात्राएं अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय, शैक्षणिक संस्थाओं के सामने या आसपास व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति शासन भी नहीं दे सकती। इस तरह यह निर्माण अनुचित है और उच्चतम न्यायालय के आदेश अवमानना है। दूसरी ओर कोविड 19 के दौर में वृक्षों की कटाई कतई उचित नहीं है।
हम भरपाई करेंगे – आयुक्त
इसे लेकर आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि, स्कूल प्रबंधन ने गेट के पास निर्माण को लेकर आपत्ति की थी। इसलिए वाटिका की ओर निर्माण की स्वीकृति दी गई है। लगभग 26 लाख की लागत से कुल 107 वर्गमीटर में निर्माण होना है। यहां बमुश्किल 10-20 पौधे-पेड़ प्रभावित होंगे। हम इसकी भरपाई वृहद रुप से करेंगे। वाटिका से ही लगे हुए गहरी जमीन पर पौधरोपण की व्यवस्था की जाएगी और यहां पहले से और अधिक पौधे रोपे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि, हम स्वयं पर्यावरण और पेड़-पौधों को लेकर संवेदनशील हैं। पौनी पसारी योजना के तहत होने वाले निर्माण से जमीनी तबके के जरुरतमंदों को फायदा मिलेगा। यहां शटर वाली दुकानें तो नहीं बनेंगी लेकिन 10 रुपए प्रतिदिन की दर पर एक छोटा बाजार उन्हें मुहैया हो सकेगा जिससे वे अपनी जरुरतें पूरी कर सकेंगे।
पार्षद का विरोध, फडऩवीस भी निशाने में
इस मामले को लेकर संस्थाएं वार्ड पार्षद का भी विरोध कर रहे हैं। इस मसले को लेकर पार्षद प्रतिनिधि अशोक फडऩवीस ने बताया कि हमें स्थल चयन की जानकारी है लेकिन मैं अभी क्वारंटीन हूं। वाटिका को नुकसान न हो इसका हम भी ध्यान रखेंगे। हालांकि वहां पौधे अभी काफी छोटे हैं तो उन्हें शिफ्ट भी किया जा सकता है।
जिस योजना के तहत वहां निर्माण होना है उससे गरीबों को फायदा मिलेगा इसे भी नजऱअंदाज नहीं किया जा सकता। बहरहाल हम इस मामले में और जानकारी लेंगे। दूसरी ओर लोग अशोक फडऩवीस को भी निशाने पर लिया जा रहा है। सर्व जनहित समिति के बैनर तले पर्यावरण और जनहित की बात करने वाले फडऩवीस के ही वार्ड में पौधों को रौंदकर किए जाने वाले निर्माण को लेकर विरोध तेज हो गया है।

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