September 18, 2024

खरसिया के रामभगत गुप्ता भक्ता ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ कच्छ भुज में किया था जेल में रहकर आंदोलन

बचपन से ही समाजवादी विचारधारा के थे भक्ता

सक्ती- 21 मार्च 1948 को उत्तर प्रदेश की धर्म की नगरी वृंदावन शहर में दीनानाथ गुप्ता के घर पर जन्म लिए रामभगत गुप्ता भक्ता ने प्रारंभ से ही समाजवादी विचारधारा के साथ कार्य करते हुए देश के लिए विभिन्न आंदोलनों में बढ़-चढ़कर सहभागीता की, जिसमें सर्वप्रथम उन्होंने सन 1966 में तत्कालीन संबलपुर के सांसद किशन पटनायक के साथ कार्य करते हुए डॉ.राम मनोहर लोहिया के साथ कच्छ भुज में जेल में रहकर आंदोलन किया, तथा 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान लगभग 21 महीने पहले रायगढ़ में फिर रायपुर में की जेल में रहकर बिताई

तथा सन 1988 में खरसिया में हुए उपचुनाव के दौरान सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह एवं दिलीप सिंह जूदेव के बीच कड़ी टक्कर से पूर्व रामभगत गुप्ता भक्ता की पहल पर दिलीप सिंह जूदेव को सर्वदलीय प्रत्याशी संयुक्त रूप से घोषित किया गया, जिसमें सभी दलों (कांग्रेस को छोड़कर) अपना एक प्रत्याशी दिलीप सिंह जूदेव को बनाया गया था, तथा रामभगत गुप्ता भक्ता ने भारत देश के जन नेता रघु ठाकुर, जॉर्ज फर्नांडिस, मधु लिमपे, मधु दंडवते,राज नारायण सिंह, लाडली मोहन निगम, शरद यादव, के साथ भी काम किया, तथा राम भगत गुप्ता भक्ता का निधन 13 फरवरी 2022 को सुबह लगभग 6:00 बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान हो गया

भक्ता के निधन पर जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,तो वहीं भक्ता सदैव समाजवादी विचारधारा के प्रति समर्पित रहे एवं लोग दूर-दूर से उनसे मिलने आते थे म,तथा उनके पास बैठते थे, वही लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल निवासी रघु ठाकुर भी भक्ता के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने खरसिया पहुंचेंगे तथा राम भगत गुप्ता भक्ता छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व महामंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता एवं अविभाजित मध्यप्रदेश खनिज निगम के चेयरमैन गिरधर गुप्ता के जेष्ठ भ्राता थे,तथा उनके निधन पर खरसिया के पोस्ट ऑफिस के बगल में स्थित उनके निवास पर दूर-दराज से लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं,तथा अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं

वही देश के समाजवादी विचारधारा के नेताओं ने उनके निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया है, तथा देश के विभिन्न राज्यों से दूरभाष के माध्यम से एवं मोबाइल के माध्यम से लोग गुप्ता परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए रामभगत गुप्ता भक्ता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं

Spread the love