कवर्धा जिले में अवैध वन कटाई से जंगल होने लगा साफ
कवर्धा जिले के वनों का कटाई लगातार जारी है भोरमदेव अभ्यारण से लेकर लोहारा ,पंडरिया, बोड़ला,चिल्फी ,तरेगांव के जंगलों का बुरा हाल लगातार समूचे जिले में अंधाधुंध अवैध कटाई हो रही है जंगल बचाओ पेड़ लगाओ अभियान के जगह सिर्फ कागजों तक नजर आती है मौके पर कुछ भी नजर नही आती, अगर नजर आती है तो सिर्फ कीमती लकड़ियों वनों की अवैध कटाई इस अवैध वनों को कटाई को रोकने वाले वन परिक्षेत्र अधिकारी ही नदारत नजर आते है तो अब आखिर किसके भरोसे पे वनों की कटाई को रोका जाए ये बड़ा सवाल है ।
राजस्थानी ,गुजराती ऊंट भेड़ बकरियां जंगलों को कर रहे वीरान
समूचे जिले में बोडला ,लोहारा ,पंडरिया भोरमदेव अभ्यारण कुईकुद्दुर के जंगलों में राजस्थानी ऊंट भेड़ बकरियां जंगलों को चट कर रही है हरे भरे कवर्धा के जंगल वीरान हो रहे है लेकिन वन परिक्षेत्र अधिकारियों को जंगलों की विरानी नजर नही आती ये सिर्फ अपने कार्यलय तक सीमित नजर आते है और कभी कभी तो कार्यलय में कई दिनों से नदारत रहते है इनके अलावा इनके अन्य कर्मचारी को पूछने पर दौरे पर बताया जाता है जबकि अगर ये वनों के दौरे पर रहते तो आज कवर्धा के वनों की ये हालत नही होती ये अधिकारियों को क्या राजस्थानी ऊंट भेड़ नजर नही आते क्यों नही आते नजर ये बड़ी बात है सवाल ये है की किसके भरोसे वनों की रक्षा होगी।
वन परिक्षेत्र अधिकारियों का सरकारी नंबर रहता है बंद
वैसे तो इन वन परिक्षेत्र अधिकारियों को सरकारी विभागीय नंबर दिया गया है कई कार्यलय में सूचना इस नंबर पे दे भी लिखा है जिससे इनको वनों के बारे से कोई भी जिले के आम आदमी वनों के बारे से सूचना दे सके लेकिन जब जिले के इन 11 वन परिक्षेत्र अधिकारियों के मोबाइल को पायनियर टीम ने पड़ताल किया तो आधे नंबर बंद मिले और आधे नंबरों पर कई बार फोन करने पर भी रिसीव नही किया गया अब इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है की वन परिक्षेत्र अधिकारी जिसके जिम्मे जिले के वन है वो एक फोन तक नही उठाते तो इनको आम जनता किस तरह जानकारी उपलब्ध करा पाएगी इसी का नतीजा है की अवैध कटाई जोरो से चल रही है ।
जंगलों में लगती आग लेकिन अनजान वन परिक्षेत्र अधिकारी
पायनियर ने इससे पूर्व भी जंगलों में भीषण आग करके प्रमुखता से खबर लगाया था लेकिन अधिकारियों ने इस पर अब तक कोई खास पहल नही किया इससे भी कवर्धा के जंगल वीरान हो रहे है इस आग पर काबू पाने का प्रयास अधिकारियों द्वारा नही किया जाता है ।
वनों की अंधाधुंध कटाई आखिर रुकेगी कैसे किसके भरोसे कवर्धा के वन
अब सबसे बड़ा सवाल ये है की इतनी कीमती लकड़ियों से भरी और कबीरधाम के खूबसूरत जंगल क्या धीरे धीरे वीरान हो जायेंगे कवर्धा जिले के कद्दावर मंत्री माननीय अकबर के वन मंत्री और स्थानीय विधायक होने के बावजूद ये हाल है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की ये वन परिक्षेत्र अधिकारी कितने लापरवाह है या फिर ये भी हो सकता है की इनकी देखरेख में ही सब हो रहा हो ,सवाल तो बहुत है पर सवाल ये है की इन वनों खूबसूरत जंगलों को अवैध कटाई, आग और राजस्थानी ऊंट भेड़ बकरियों से कैसे बचाया जाए ।
वनमंडल अधिकारी आखिर क्यों नही करते वनों को बचाने का प्रयास
जिले के वन मंडल अधिकारी आखिर क्यों इन वन परिक्षेत्र अधिकारियों पे मेहरबान है जिले में जब इस तरह के हालात है इन अधिकारियों के मोबाइल बंद रहते है जंगलों की अवैध कटाई हो रही है ऊंट भेड़ बकरियां जंगलों को नष्ट कर रहे है वनों का बुरा हाल है क्या वन मंडल अधिकारी की जिम्मेदारी नही बनती की इन अधिकारियों को निर्देश दे की अवैध कटाई और अन्य परिस्थिति से निपटा जाए अब देखना ये है की आखिर कवर्धा के वनों की हालत कैसे सुधरती है।
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