January 14, 2025

ठाकुरदेव मंदिर मढ़ी में मनाया गया शरद पूर्णिमा महोत्सव

तिल्दा-नेवरा। अंचल में शरद पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समीपस्थ ग्राम मढ़ी के ठाकुरदेव मंदिर मे भी ठाकुरदेव दुर्गोत्सव परिवार द्वारा शरद पूर्णिमा सादगी से मनाया गया। चांदनी रात में बुधवार की मध्यरात्रि मंदिरों समेत घरों में भी भगवान को खीर का भोग लगाया गया और बाद में श्रद्धालुओं ने भी ग्रहण किया। शाम को चंद्रमा के दर्शन होने के बाद पर्व को मनाने की शुरुआत हुई। चंद्र दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने चंद्रदेव, माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा का निर्वहन किया। तो वहीं लोगों ने अपने-अपने घरों में भी खीर बनाकर चांद की रोशनी समाहित हो जाने के लिए रखा और मध्य रात्रि के बाद प्रसाद रूप में ग्रहण किया। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है। रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण की मात्रा सबसे ज्यादा होती है,जो मनुष्य को कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। मान्यता है कि इस रात भगवान की कृपा से स्वर्ग लोक से धरती पर अमृत वर्षा होती है। ज्योतिषियों के अनुसार इस तिथि पर चांद से अमृत टपकने की मान्यताओं के कारण लोग रोग,दोष, संतापों से छुटकारा पाने के लिए अमृत खीर खाते है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि मे चंद्र देव अपने सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करता है। इस कारण इस दिन खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने की परंपरा है। इस अवसर पर केशव पाल,तरूण ध्रुव,मोहित पाल,गौतम पाल,धनंजय ध्रुव,डिजेन्द्र ध्रुव,रोशन पैकरा,तन्नू, घनश्याम, पुरषोत्तम ध्रुव, गोपी साहू,राहुल,रोहित,मिथलेश,मोहन,खिलेश्वर,नितेश,टेकराम,करण सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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