नदी में बाढ़ की स्थिति से विद्यार्थियों को जान का खतरा, छह वर्षों में नहीं बन सका डोंगरगांव बरगांव नदी पुल
डोंगरगांव नगर@thethinkmedia.com
नगर के आउटर पश्चिम दिशा में झूरा नदी में पुल निमार्णाधीन है। नदी में बारिश के मौसम में बाढ़ होने विद्यार्थीवर्ग सहित राहगीर निमार्णाधिन पुल से आवागमन कर रहे हैं। इन दिनों विद्यार्थियों सहित आम राहगीरों को बगैर रेलिंग के पुल में बेरोकटोक आवागमन करते देखा जाता है। आलम यह है कि विद्यार्थी बच्चे सेल्फी लेने पुल के किनारे तक खड़े होकर नदी की बाढ़ के साथ सेल्फ़ी लेते नजर आते हैं।ऐसी परिस्थिति से सेतु निगम सहित स्थानीय प्रशासन को तनिक भी इल्म नही है।
उल्लेखनीय है कि डोंगरगांव नगर से बरगांव मार्ग झूरा नदी में एनीकट समीप पुल निर्माण 6 वर्षों से जारी है। सेतु निगम की कार्यशैली या रवैया ठीक नही है अथवा ठेकेदार की घोर लापरवाही शासन प्रशासन पर हावी है, अलबत्ता आम राहगीरों के सुविधा हेतु बनने वाली पुल रेलिंग के बगैर सबसे बड़ी खतरा प्रतीत हो रही है। आधे अधूरे पुल में आवागमन मजबूरी हो सकती है, आमजनों में जागरूकता का अभाव या फिर विद्यार्थी बच्चों की लापरवाही कह सकते हैं, लेकिन ये सेतु निगम अथवा शासन प्रशासन की जवाबदारी का विषय भी है।
प्रशासन की भूमिका होगी अहम
डोंगरगांव से बरगांव मार्ग नदी में पुल निर्माण यूं तो सेतु निगम के मॉनिटरिंग में हो रहा है, बारिस मौसम में अनुबंध की शर्तों के एवज में ठेकेदार बारिस सीजन के बाद रेलिंग पूर्ण करा सकता है। अब विषय ये है कि रेलिंग बनने से पूर्व कोई राहगीर अथवा विद्यार्थीवर्ग सेल्फ़ी लेने के फेर में या अनियंत्रित होकर नदी में गिर जाए तो आखिर जिम्मेदारी किसकी तय होगी। ऐसे में प्रशासन को अनहोनी से पहले ही कदम उठाने होंगे।
- निमार्णाधीन पुल में दोनों छोर बेरिगेटिंग कर सामान्य आवागमन बंद करेंगे।
-प्रदीप सिंह, अभियंता सेतु निगम
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