February 8, 2025

वहशी हैवान को फांसी : सालभर के भीतर सुनाई मौत की सजा, नांदगांव कोर्ट का पहला मामला

अबोध बालिका से दुष्कर्म के बाद की थी आत्महत्या

राजनांदगांव@thethinkmedia.com

हैवानियत का शिकार हुई 4 साल की मासूम को आज न्याय मिल गया। राजनांदगांव न्यायालय में पॉक्सो के आरोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है। 23 अगस्त 2020 को ग्राम कांकेतरा के युवक शेखर कोर्राम ने बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने बच्ची की गुमशुदगी की जानकारी मिलने के 4 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेष शर्मा ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। एक वर्ष के भीतर ही इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया। इस पूरे मामले में पुलिस ने भी तेजी दिखाई। बीते साल सामने आए इस घटनाक्रम में आरोपी पुलिस और ग्रामीणों को गुमराह करता रहा था। जब बच्ची की गुमशुदगी की खबर सामने आई तो आरोपी खुद पुलिस के साथ उसे ढूंढने का नाटक करता रहा। बाद में बच्ची का शव एक खंडहर से मिला। सच्चाई सामने आई तो पता चला की युवक ने पहले तो 4 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म किया और फिर उसका दम घोंट कर उसकी हत्या कर दी थी।
आरोपी ने इस पूरी वारदात को तब अंजाम दिया था जब लोग तीजा और गणेश चतुर्थी का त्यौहार मना रहे थे। इस मामले को लेकर लोगों को आक्रोश भी सामने आया था। लोगों ने उस दौरान ही आरोपी को फांसी देने की मांग को लेकर आवाज़ बुलंद की थी। आज जब कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई तो लोगों ने इसे इंसाफ की जीत बताया है। सालभर के भीतर पॉक्सो के फास्ट कोर्ट ने आरोपी के विरूद्ध प्रस्तुत किए गए लोक अभियोजक के साक्ष्यों के आधार पर फांसी का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील के दलीलों को खारिज कर दिया। शासकीय अभियोजक परवेज अख्तर ने पूरे प्रकरण में आरोपी के कृत्य को देखते कोर्ट से फांसी की सजा दिए जाने की अपील की थी। घटना से आहत परिजनों ने भी सरकार से फांसी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। नांदगांव न्यायालय में पॉक्सो के आरोपी को फांसी दिए जाने का यह पहला मामला भी है।

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