February 8, 2025

चारामा क्षेत्र के भैंसाकट्टा व पलेवा में आतंक का पर्याय बने तेंदुए पिंजरे में हुए कैद, ग्रामीणों व वन अमला ने ली राहत की सांस

कांकेर@thethinkmedia.com

चारामा क्षेत्र में बीते तीन से चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद व पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों और वन विभाग को हलाकान करने वाले दो तेंदुए भैंसाकट्टा व पलेवा में वन विभाग द्वारा रखे पिंजरे आखिरकार फंस ही गये जिससे वन विभाग व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है हालांकि वन विभाग व ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जो दो तेंदुए पकड़ाये है वह हो सकता है वह आदमखोर तेंदुए न हों या हो सकता है यही आदम खोर तेंदुए हो फिलहाल वन विभाग व ग्रामीणों में इस बात की खुशी देखी जा रही है कि बड़ी मशक्कत के बाद भैंसाकट्टा व पलेवा में वन विभाग द्वारा रखे गये पिंजरे में रविवार की सुबह दो तेंदुए फंस गये है। इस सफलता के बाद अब आगे देखना यह है कि जिस आदमखोर तेंदुए के लिये ये चार दिन से मशक्क्त की जा रही थी वो ही है या फिर दूसरे है क्योंकि वन विभाग की माने तो पलेवा क्षेत्र में लगभग 4 से 5 तेंदुए होने की जानकारी मिल रही थी।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से पलेवा में एक वृद्ध व भैंसाकट्टा में एक महिला को एक आदम खोर तेंदुआ ने अपना शिकार व आहार बनाय था जिसके बाद पलेवा व भैंसा कट्टा के ग्रामीणों में दहशत का माहौल था तो वहीं वन विभाग के प्रति रोष भी व्याप्त था एक के बाद एक लगातार इस घटना ने सभी को परेशान कर दिया था जिसके बाद वन विभाग पिछले चार दिनों से तेंदुए के लिए सीसीटीवी कैमरे जाल व पिंजरा बिछा कर पूरा फोकस इन दो गांवों में लगा दिया था दो से तीन दिनों से चकमा देने के बाद आखिरकार वे दो तेंदुए पिंजरे में फंस ही गए।

तेंदुए के लिए खेले गए पिंजरे में फंस गए थे लकड़बग्घा व भालू

विदित हो कि पिछले कुछ दिनों से पलेवा, भैंसाकट्टा व आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों के दिल को दहलाने वाला तेन्दुआ का भय ग्रामीणों में इस कदर समा गया था कि रात भर वन विभाग का अमला अपने कांच बन्द वाहनों से सर्चिंग करते थे तो वहीं ग्रामीणों को शाम होते ही घर से निकलना मुश्किल हो जाता था और वन विभाग द्वारा मुनादी भी करा दिया गया था कि देर शाम घरों में ही सुरक्षित रहे। जिसके बाद आदमखोर तेंदुए के लिए उसके आने-जाने के मार्ग व सम्भावित जगहों में ग्राम पंचायत भैंसाकट्टा व पलेवा में पिछले दिनों पिंजरे में मुर्गी, बकरी व मांस डालकर तेंदुए को पकडऩे का प्रयास किया गया था जिसमें तेंदुए तो नहीं बल्कि भालू व लकड़बग्घा ही फंस गए थे जिसके बाद फिर से नये पैतरे के साथ तेंदुए को पकडऩे लिए रणनीति बनाई गई जिसके बाद आखिरकार तेंदुए पिंजरे में फंस ही गये जिससे ग्रामीण व वन विभाग ने राहत की सांस ली है अब देखना यह है कि जो दो तेंदुए पकड़ाये है वह दोनों तेंदुए वही आदमखोर तेंदुए है कि दूसरे है। इस सबन्ध में वन परिक्षेत्र अधिकारी सियाराम। सिंग ने बताया कि भैंसाकट्टा व पलेवा क्षेत्र में तेंदुआ पिछले कुछ दिनों से आतंक का पर्याय बन चुका था जिसके लिए उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश व ग्रामीणों की मदद से पिंजरे डाल कर तेंदुए के फसने का इन्तजार किया जा रहा रविवार की सुबह राहत भरी खबर मिली की दो तेंदुए पलेवा व भैंसाकट्टा में पिंजरे में फंस गए है जिससे ग्रामीणों में भी खुशी देखी गई है। फिलहाल इन तेंदुए को उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद जंगलों में छोड़ा जाएगा।

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