भानुप्रतापपुर@thethinkmedia.com
जिला संघर्ष समिति भानुप्रतापपुर के आहवान पर पूरे अनुविभाग से लोगों ने जिला बनाने के अभियान में अपना योगदान प्रदान किया। हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भानुप्रतापपुर को जिला बनाने से कमतर किसी शर्त पर राजी नहीं होंगे और जिला बनने तक संघर्ष जारी रखेंगे। लोगों में इस विषय के प्रति इस कदर उत्साह और जागरूकता दिखी कि आयोजनकर्ताओं की अपेक्षा से दो गुनी संख्या में लोग इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। उमड़े जनसैलाब को देखकर कार्यक्रम में थोड़ा बहुत फेरबदल भी करना पड़ा। पहले निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सामुदायिक भवन के आगे एकत्र होने के पष्चात रैली निकालकर मुख्य चैक तक जाना था, और वहां सभा के पश्चात एसडीएम कार्यालय जाकर ज्ञापन देना था। परंतु जन सैलाब इस कदर उमड़ा कि रैली की लंबाई सामुदायिक भवन से लेकर मुख्य चैक से आगे तक पहुंच गई। तब रैली को बस स्टैंड तक ले जाकर बाजार होते हुए मुख्य चैक तक लाना पड़ा जहां विशाल सभा आयोजित हुई। इस प्रदर्शन में भानुप्रतापपुर अनुविभाग के विकासखंड भानुप्रतापपुर तथा विकासखंड दुगूर्कोंदल व उप तहसील कोरर के सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हुए। ग्राम संबलपुर, कोरर, भानबेड़ा, केंवटी, भीरागांव, आसुलखार, कच्चे, हाटकोंदल के अलावा सुदूर अंचल के लोहत्तर, जाडेकुर्से, कोडेकुर्से, हाटकर्रा, कुर्री, भोडिया, बैजनपुरी, सेलेगांव आदि गांवों से भी काफी संख्या में लोगों ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रदान की। इन सभी क्षेत्रों के पंच सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधि भी इस आंदोलन में शामिल हुए। भानुप्रतापपुर की सभी सड़कें व चैक चैराहे लोगों की भीड़ से पटे रहे।
दलगत राजनीति से परे सभी नेता एक मंच पर शामिल हुए
भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के इस संघर्ष में सभी छोटी बड़ी राजनीतिक पार्टियों सहित कई संस्थाओं ने बिना भेदभाव के हिस्सा लिया। एक दूसरे के धुर विरोधी राजनेता एक ही मंच को साझा करते हुए एक सुर में जिला बनाने की मांग करते हुए दिखे। सामुदायिक भवन के आगे जहां लोग पहले एकत्रित हुए थे वहां भी कई जनप्रतिनिधियों ने मंच से भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के पक्ष में अपना उदबोधन दिया। वहीं रैली के पष्चात मुख्य चैक में आयोजित सभा में भी जिन वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया उनमें सभी राजनैतिक दलों के राजनेता शामिल थे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से वीरेंद्र सिंह ठाकुर, सुनील पाढी, निखिल राठौर, बीरेश ठाकुर, हेमंत धु्रव, देवलाल दुग्गा, मानक दरपटटी, चंद्रमौली मिश्रा, कोमल हुपेडी, चेतन मरकाम, देवलाल नरेटी, हरेश चक्रधारी, मेहर सिंह वटटी, पंकज वाधवानी, राजा पांडे, बृजबती मरकाम, शकुंतला नरेटी, रामबाई गोटा, नरोत्तम चैहान, नरेंद्र शर्मा, गौरव चोपड़ा, छत्रप्रताप दुग्गा, कृष्णा टेकाम, सूनाराम तेता, इंदिरा आरदे, राजेश तिवारी, कमलेश गावड़े, सचिन दूबे, आदि शामिल थे।
भौगोलिक दृष्टि से जिला बनने के उपयुक्त भानुप्रतापपुर
सभा स्थल से वक्ताओं ने भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के पक्ष में जो उदगार दिए उनमें तर्कपूर्ण तरीके से साबित किया गया कि भानुप्रतापपुर ही जिला बनने के लिए सर्वदा उपयुक्त है। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ के नाम एसडीएम भानुप्रतापपुर को सौंपे गए ज्ञापन में भी यह तमाम तर्क शामिल किए गए हैं। जिनके अनुसार भौगोलिक दृष्टि, राजनैतिक दृष्टि, खनिज संपदा से भरपूर भानुप्रतापपुर ही जिला बनने के लिए उपयुक्त है। बस्तर संभाग में 1990 के दशक में कुल 8 तहसील थे जिसमें भानुप्रतापपुर भी शामिल था, इनमें से 7 तहसीलों को जिला बनाया जा चुका है जबकि भानुप्रतापपुर की उपेक्षा की जा रही है। छत्तीसगढ के कई ऐसे छोटे जिले हैं जिनमें महज दो या तीन ब्लाक शामिल हैं वहीं यदि भानुप्रतापपुर को जिला बनाया जाता है तो इसमें भानुप्रतापपुर, अंतागढ, कोयलीबेड़ा, दुगूर्कोंदल और पखांजूर कुल पांच विकासखंड होंगे और इन सभी विकासखंडों की दूरी भानुप्रतापपुर से 35 से 80 किलोमीटर के दायरे में आ सकती है। भानुप्रतापपुर में वर्तमान में ही सभी विभागों के प्रमुख कार्यालय मौजूद है यहां दो वनमंडल कार्यालय, लोक निर्माण विभाग के ईई का कार्यालय, प्रधानमंत्री सड़क ईई कार्यालय, अनुविभागीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं, साथ ही यहां जिला सत्र न्यायालय भी स्थित है। भानुप्रतापपुर ऐसा जंक्शन है जहां से आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आदि राज्यों से जुडऩे के लिए सीधी सड़क है वहीं आंध्रप्रदेश और उड़ीसा को जोडऩे वाली सड़क भी यहीं से गुजरेगी। यहां रेलवे लाइन भी है, और तीन रेलवे स्टेशन भी मौजूद हैं। इन सब कारणों की मौजुदगी के बावजूद इतने वर्षों के बाद भी भानुप्रतापपुर को जिला नहीं बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों ने एक सूर में भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग की है।
व्यापारी संघ व परिवहन संघ ने दिया समर्थन
इस आंदोलन को व्यापारी संघ भानुप्रतापपुर, परिवहन संघ भानुप्रतापपुर व परिवहन संघ कच्चे ने अपना पूरा समर्थन देते हुए सहभागिता दी। व्यापारी संघ भानुप्रतापपुर के द्वारा सुबह से लेकर कार्यक्रम समाप्ति तक नगर की सभी व्यपारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आहवान किया गया था जिसके तहत दूकानदारों ने पूर्ण रूप से अपनी दूकानें बंद कर अपना समर्थन दिया। परिवहन संघ भानुप्रतापपुर के द्वारा भी इस आंदोलन को हर तरह से अपना सहयोग प्रदान किया। वहीं कच्चे परिवहन संघ के लोगों ने भी भरपूर सहयोग प्रदान किया। इसमें व्यापारी संघ के अनंत गोपाल कोठारी, नरेश जैन, मोहन हर्दवानी, प्रदीप जैन, निर्मल शिवहरे, भगत शांडिल्य, युगलकिशोर शर्मा, ललित गांधी, विशाल आहूजा, विकास शर्मा, हनी खान, विजय धामेचा, भानुप्रतापपुर परिवहन संघ के गुरदीप सिंह ढींढसा, अरविंद जैन, गोलू गजेंद्र, हितेश तिवारी, मुकेश सिंह, मुकेश चंद्राकर, कच्चे परिवहन संघ के जितेंद्र जायसवाल, जीवराखन सलाम, अशोक खस, प्रतीक श्रीवास्तव, नंदकिशोर जायसवाल, विमल जायसवाल, सहित काफी लोग शामिल हुए।
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