July 2, 2025

पौधारोपण प्रयासों से मिल रही पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा

सरगुजा

आधुनिकीकरण के इस दौर में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर चल रहा है। देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने हेतु अदाणी ग्रुप ने कॉम्पिटिटिव बिडिंग के माध्यम से परसा ईस्ट कांता बासन कोल ब्लॉक में एक माइन डेवलपर तथा ऑपरेटर (एमडीओ) के रूप में 2013 से खनन कार्य शुरू किया, जिसका स्वामित्व आरआरवीयूएनएल के पास है।

अपने कर्तव्यों को लेकर प्रतिबद्ध, आरआरवीयूएनएल समुदायों के समावेशी विकास व पर्यावरण संरक्षण के मामले में सबसे आगे है। प्राकृतिक संरक्षण के प्रयासों में हॉर्टिकल्चर के माध्यम से साल, नीम, महुआ जैसे 20 अलग-अलग किस्म के वृक्षों का जंगल तैयार किया है। नर्सरी योजना के तहत तैयार इन पौधों को प्रभावी गाँवों व आस पास के इलाकों में लगाया जा रहा है। क्षेत्र में अब तक कुल 7 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। वहीं नर्सरी के अलावा खनन प्रभावित जंगलों में ट्री ट्रांसप्लांटर मशीनों के जरिए ट्री ट्रांसप्लांटेशन प्रक्रिया के माध्यम से भी पेड़ों को बचाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय ग्रामीण भी नर्सरी डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे क्षेत्र में तेजी से नए पेड़ों का विकास हो रहा है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए हॉर्टिकल्चर से संबंधित अधिकारी कमलेश उपाध्याय कहते हैं, हमारी टीम मजबूत है, हम पूरे जोश और लगन के साथ प्लांटेशन के कार्य में लगे हुए हैं। नर्सरी को अगले साल तक और अधिक विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस पूरे कार्य में उच्च अधिकारियों का भी भरपूर सपोर्ट मिल रहा है। राज कुमार पांडे जो कि नर्सरी से लम्बे समय से जुड़े हैं, बताते हैं, खनन प्रभावित जंगलों में बड़े पेड़ों को प्लांटेशन मशीन से शिफ्ट करने की प्रक्रिया ने पेड़ों की उम्र बढ़ा दी है। अब तक करीब 10 हजार पेड़ों का प्लांटेशन किया गया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह ग्रामीणों की पूर्ण सहभागिता का ही नतीजा है कि परसा कोल ब्लॉक का ये पूरा इलाका अब भी हराभरा बना हुआ है। स्थानीय निवासी व कामगार कृष्णकुमार नेटी की मानें तो हम गाँव में प्रदूषित वातावरण को स्वच्छ बनाकर रखने के लिए नए पौधों का विकास कर रहे हैं। आरआरवीयूएनएल शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और ग्रामीण जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयासरत है। अदाणी विद्यामंदिर से ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोडऩे की बात हो या उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश हेतु मुफ्त कोचिंग की सुविधा, बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का हमेशा प्रयास किया है।

बहुउद्देश्यीय महिला सहकारी समीति ‘मब्सÓ के अथक प्रयासों से परियोजना स्थलों पर महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिल रही है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट, बैग, सेनेटरी पेड जैसी यूनिट व जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन से स्थानीय किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूती मिली है।

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