स्वस्थ शरीर के लिए हार्मोन का संतुलन बेहद जरूरी माना जाता है। हार्मोन हमारे शरीर को सही तरीके से संचालित करने के लिए बेहद अहम रोल अदा करते हैं। हार्मोन का संतुलित होना मानव शरीर के लिए बेहद आवश्यक माना जाता है। हार्मोन के असंतुलित होने से शरीर में कई प्रकार की व्याधियां जैसे वजन का अचानक बढ़ना, तनाव, चिड़चिड़ापन हो सकती है। महिलाओं को इस प्रकार की समस्या 35 से 45 साल की उम्र में देखने को मिलती है। हार्मोन इम्बैलेंस होने की वजह से इसका प्रतिकूल असर शरीर में देखने को मिलता है। पुरुषों के शरीर में पाए जाने वाले प्रमुख तीन हार्मोन 30 साल की उम्र के बाद घटने लगते हैं। सामान्य रूप से शरीर में हार्मोन की कमी का प्रमुख कारण तनाव, असंतुलित या कुपोषित आहार और दवाइयों का अधिक सेवन माना जाता है।
क्या होते हैं हार्मोन और शरीर में इनका क्या कार्य है?
हार्मोन शरीर में मौजूद कुछ रासायनिक तत्वों को कहते हैं इनका प्रमुख कार्य शारीरिक विकास की प्रक्रिया को सुगम बनना होता है। शरीर में ऊतकों, कोशिकाओं और अन्य हिस्सों में कम्युनिकेशन का मुख्य माध्यम हार्मोन होते हैं। शरीर में कई प्रकार के हार्मोन पाए जाते हैं जिनका बॉडी में अलग-अलग काम होता है। हार्मोन शरीर में रक्त कोशिकाओं के साथ मिलकर संचार (कम्युनिकेशन) का काम करते हैं। मानव शरीर में हार्मोन के कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार से हैं –
शारीरिक विकास में सहायक
खाद्य पदार्थों को पचाने में
मेटाबॉलिज्म में बड़ी भूमिका
रिप्रोडक्टिव सिस्टम को सेहतमंद रखना
परिस्थितियों के अनुसार मूड में फेरबदल का काम
नींद, भूख आदि को भी कंट्रोल करना
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पुरुषों के शरीर में पाए जाने वाले प्रमुख हार्मोन (Important Hormones in Male Body)
एंड्रोजेन
इंसुलिन
थायरॉयड
पैराथायरॉयड
इपाइनेफ्राइन या एड्रेनेलिन
लेप्टिन
टेस्टोस्टेरोन
कार्टिसोल
वैज्ञानिकों द्वारा की गयी रिसर्च की मानें तो हार्मोन का हमारे शरीर पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। हार्मोन का अधिक या कम होना शरीर में परिवर्तन का माध्यम भी बनता है। ऐसे में शरीर के अन्दर हार्मोन का संतुलित होना बेहद आवश्यक माना जाता है। अमूमन सभी हार्मोन हमारे स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव डालते हैं लेकिन पुरुषों के शरीर में कुछ हार्मोन्स का संतुलन बेहद जरूरी होता है। ग्रोथ हॉर्मोन, टेस्टोस्टोरॉन और कॉर्टिसॉल पुरुषों के लिए बेहद जरुरी हार्मोन माने जाते हैं, इन हार्मोन का बैलेंस होना शरीर के लिए आवश्यक होता है। 30 की उम्र के बाद पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं।
1. ग्रोथ हॉर्मोन
ग्रोथ हार्मोन जिसे सोमाटोट्रोपिन के नाम से भी जाना जाता है। इस हार्मोन का कार्य इसके नाम से ही पता चल जाता है। इसे सामान्य भाषा में ‘मानव विकास हार्मोन’ भी कहते हैं। शारीरिक विकास के लिए इस हार्मोन की अहम जरुरत होती है। यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि में बनता है जो कि मस्तिष्क में पाया जाता है। कई लोग इस हार्मोन का शरीर में संतुलन बनाये रखने के लिए इसका ट्रीटमेंट भी कराते हैं। यह हार्मोन शरीर में टेस्टोस्टोरॉन को भी बढ़ाने का काम करता है। आजकल इस हार्मोन का इंजेक्शन लोग अपने शारीरिक कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए भी करते हैं। कई एथलीट इसका इंजेक्शन मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाने के लिए, हड्डियों को मजबूत करने के लिए और कसरत करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए लेते हैं। हालांकि इसके कई सारे साइड इफ़ेक्ट भी होते हैं।
कैसे दूर करें ग्रोथ हार्मोन की कमी-जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इस हार्मोन का प्रमुख कार्य शारीरिक विकास का है तो इसकी कमी से शरीर के सम्पूर्ण विकास में दिक्कतें होती है। शरीर में ग्रोथ हार्मोन की कमी को दूर करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताये गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि मेलाटोनिन सप्लीमेंट लेने से, पर्याप्त व्यायाम और कसरत करने से तथा वजन संतुलित रखने से इसकी कमी पूरी की जा सकती है।
2. कॉर्टिसॉल
कॉर्टिसॉल पुरुषों के शरीर में पाया जाने वाला एक स्टेरॉयड हार्मोन है। शरीर में इसका निर्माण अधिवृक्क ग्रंथियों ( एड्रेनल ग्रंथि) के द्वारा होता है। यह हार्मोन काफी हद तक ग्रोथ हार्मोन से भी जुड़ा हुआ माना जाता है। शरीर में इस हार्मोन का लेवल चिंता, तनाव और मानसिक असंतुलन की वजह से बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स इसे स्ट्रेस हार्मोन का नाम देते हैं। शरीर में कॉर्टिसॉल हार्मोन की अधिकता ग्रोथ हार्मोन के निर्माण को कम कर देती है जिसकी वजह से इसका असर शारीरिक विकास में भी देखने को मिलता है। कम नींद लेने से भी कॉर्टिसॉल हार्मोन का स्तर शरीर में बढ़ जाता है। कॉर्टिसॉल की कमी शरीर में कई बीमारियों जैसे नींद की कमी, वजन का बढ़ना, नाखूनों का कमजोर होना और ब्लड शुगर का बढ़ना आदि समस्याएं पैदा कर सकता है। अगर शरीर में कॉर्टिसॉल हार्मोन की कमी होती है तो थकान, उल्टी, पेट में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्या होती है। कॉर्टिसॉल की अधिकता होने से वजन बढ़ना, मुहांसे और नाखूनों का कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. टेस्टोस्टोरॉन
पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टोरॉन एक महत्वपूर्ण हार्मोन होता है। इसे सेक्स हार्मोन या एनाबॉलिक स्टेरॉयड के नाम से भी जानते हैं। हमारे शरीर में इसका निर्माण वृषण (अंडकोष) में होता है। पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टोरॉन हार्मोन सेक्स टिश्यू के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टोरॉन हार्मोन शरीर में मांसपेशियों और हड्डियों के विकास में भी सहायक होता है। शरीर में टेस्टोस्टोरॉन हार्मोन की कमी उम्र के हिसाब से होती है, विशेषज्ञों के मुताबिक लगभग 30 साल के बाद शरीर में इस हार्मोन का प्रतिशत घटने लगता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं की आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान और कम नींद लेना भी इस हार्मोन के कमी का कारण बनता है। पुरुषों के शरीर पर इस हार्मोन की कमी का व्यापक असर देखने को मिलता है। शरीर में टेस्टोस्टोरॉन हार्मोन की कमी से सेक्स लाइफ पर इसका प्रमुख असर देखने को मिलता है इसके साथ-साथ कमजोरी और शारीरिक ढाँचे में बदलाव भी इसकी कमी के प्रमुख लक्षण हैं।
हमारे शरीर में टेस्टोस्टोरॉन हार्मोन की प्रमुख भूमिका
मांसपेशियों का विकास
सेक्स ड्राइव (कामेच्छा)
शुक्राणु निर्माण
हड्डियों की मजबूती और घनत्व
हार्मोन बैलेंस रखने के लिए क्या करें?
इन हार्मोन का हमारे शरीर में महत्वपूर्ण योगदान है। हार्मोन की कमी काफी हद तक हमारे खानपान पर भी निर्भर करती है।
हार्मोन्स बैलेंस करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें
गाजर, ब्रोकली, पत्तागोभी जैसी सब्जियां
खाने में फ्लैक्ससीड (अलसी के बीज) को भी शामिल करें
चाय या कॉफ़ी की जगह ग्रीन टी का प्रयोग
ड्राईफ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट का प्रयोग
सामान्य वेजिटेबल ऑयल की जगह ऑलिव ऑयल का प्रयोग
फलों में एवोकैडो को भी शामिल करें
पर्याप्त मात्रा में पानी जरुर पियें
लहसुन, अदरख, काली मिर्च जैसे मसालों का प्रयोग
हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाती हैं ये चीजें
डेयरी उत्पादों का सेवन कम करें
शराब, सिगरेट और नशे से दूर रहें
अनाज जिसमें ज़ेरालेनोन की मात्रा अधिक हो
डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फ़ूड से बचें
कैफीन का प्रयोग कम करें
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