October 14, 2025

आंध्र प्रदेश का नया कोरोना स्ट्रेन 15 गुना ज्यादा खतरनाक

कोरोना वायरस की दूसरी लहर भयावह स्थिति पैदा कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों की बात करें, तो पिछले 24 घंटे में 4,12,262 हजार मामले सामने आए हैं और 3980 लोगों की मौत हुई है। कल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी में मंत्रालय ने बताया है कि देश में कोरोना के चलते आने वाले 71 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों से आ रहे हैं। पर अब कोरोना का एक नया स्ट्रेन लोगों का ध्यान खींच रहा है। दरअसल, दक्षिण भारत में कोरोना का एक नया स्ट्रेन N440K लोगों में डर पैदा कर रहा है। ये वायरस आंध्र प्रदेश से शुरू हुआ है इसलिए इसे AP Strain भी कहा जा रहा है। इस स्ट्रेन को लेकर कहा जा रहा है कि ये पूराने स्ट्रेन की तुलना में 15 गुणा ज्यादा खतरनाक है, जो कि तेजी से लोगों को अपना शिकार बना सकता है। तो, आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में विस्तार से।

क्यों खतरनाक है आंध्र प्रदेश में मिला कोरोना का नया ‘स्ट्रेन’ 

सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने N440K वैरिएंट की खोज की है, जिसकी पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में की गई थी। इस स्ट्रेन ने विशाखापट्टनम और दक्षिण भारत के राज्यों में खौफ पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये N440K वैरिएंट बाकी कोराना स्ट्रेन की तुलना में 15 गुणा अधिक वायरस है। दरअसल, भारतीय वेरिएंट (Indian variants) बी -1.617 (B1.617) और बी-1.618 (B1.618) भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
ज्ञानिक विनोद स्कारिया ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि भले ही ये वेरिएंट खतरनाक लग रहा हो पर धीमे-धीमे ये खत्म हो सकता है और किसी और स्ट्रेन में परिवर्तित हो सकता है। विनोद कहते हैं कि N440K धीरे-धीरे मर सकता है और तेजी से दो अन्य वेरिएंट – B.1.1.7 और B.1.617 में परिवर्तित हो सकता है और केरल सहित लगभग सभी दक्षिणी राज्यों में ये हो भी रहा है। N440K संभवतः कोरोनवायरस को फेफड़ों की कोशिकाओं को बांधने में मदद करता था। बता दें कि B.1.1.7 यूके वेरिएंट (UK Variant) हैं और B.1.617 भारतीय वेरिएंट हैं, जिन्हें ‘डबल वेरिएंट भी कहा जाता है।

बता दें कि वैज्ञानिकों ने दक्षिण भारत के कई केन्द्रों से वायरस का सैंपल इकट्ठा किया है उनमें से 50 फीसदी में कोरोना का N440k वेरिएंट पाया गया है। इसमें यह भी पता चला कि यह वायरस आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है और अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं यह ज्यादा स्थानीय है, जो इन इलाकों के कई राज्यों को अपना शिकार बना सकता है।

 

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