कोरोना के नए स्ट्रेन में लोगों को निमोनिया क्यों हो रहा है? कोविड के शुरूआती लक्षण वैसे तो माइल्ड ही होते हैं पर निमोनिया एक परेशानी हो सकती है। कुछ गंभीर केस में कोविड निमोनिया, रेसपिरेट्री फेलियर का कारण बन सकता है। कोविड निमोनिया के लक्षण निमोनिया जैसे ही होते हैं। हालांकि रिसर्च्स ने लंग्स में ऐसे बदलाव बताए हैं जो कोविड निमोनिया की ओर इशारा किया है। ये बदलाव सीटी स्कैन में साफ नजर आते हैं। इस समय कोविड का कोई ठोस इलाज नहीं है। जिन लोगों को कोविड निमोनिया होता है उन्हें एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होगी। कुछ स्टेप्स आप उठा सकते हैं जिससे रिस्क कम हो सके- इसमें इंफेक्शन को कंट्रोल करना, हेल्थ कंडीशन को ठीक रखना और लक्षण पहचानना शामिल है।
कोविड निमोनिया क्या होता है?
निमोनिया लंग्स का एक इंफेक्शन है। वायरस, बैक्टीरिया और फंगी के कारण निमोनिया होता है। निमोनिया कोविड का एक लक्षण भी हो सकता है जिसे हम कोविड निमोनिया के नाम से जानते हैं।
कोविड निमोनिया और निमोनिया में क्या फर्क है?
वैसे तो कोविड निमोनिया के लक्षण एकदम आम निमोनिया जेसे होते हैं इसलिए इनमें पहचान करना मुश्किल हो जाता है। जिन्हें कोविड निमोनिया होता है उन्हें दोनों लंग्स में इंफेक्शन होता है जबकि निमोनिया में ज्यादातर इंफेक्शन एक लंग में होता है। वहीं सीटी-स्कैन और एक्स-रे के जरिए डॉक्टर कोविड निमोनिया की पहचान कर लेते हैं।
नए कोविड स्ट्रेन में लोगों को क्यों हो रहा है निमोनिया?
सार्स-कोव-2 का इंफेक्शन तब शुरू होता है जब वायरस में मिले हुए रेस्पिरेट्ररी ड्रॉपलेट्स आपके अपर रेस्पिरेट्ररी ट्रैक्ट में जाते हैं। जैसे-जैसे वायरस मल्टीप्लाई होता है इंफेक्शन लंग्स में फैलने लगता है। जब ऐसा होता है तो व्यक्ति के शरीर में निमोनिया होता है। जो ऑक्सीजन आप सांस लेने के लिए अंदर भरते हैं वो एल्विओली से होकर जाती है। जब कोविड इंफेक्शन होता है तो कोरोना एल्विओली को डैमेज कर देता है। जैसे ही इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ता है, लंग्स में डेड सैल्स और फ्लूड बनने लगता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है।
कोविड निमोनिया के लक्षण क्या हैं?
कोविड निमोनिया के लक्षण निमोनिया जैसे ही होते हैं जैसे बुखार आना, ठंड लगना या गले में खराश होना।
इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द या थकान भी कोविड निमोनिया के लक्षण हैं।
कोविड निमोनिया के गंभीर लक्षण में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
इसके साथ ही अगर चेहरे का रंग बदले या हॉर्टबीट में बदलाव हो तो भी तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
कोविड निमोनिया का पता कैसे लगाया जाता है?
कोविड निमोनिया का पता लगाने से पहले कोविड का पता लगाया जाता है। रेस्पिरेट्ररी सैंपल में वायरल जेनेटिक मटेरियल मिलने पर कोविड कंफर्म होता है। आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट में नाक और गले का सैंपल, स्वैब पर लेकर उसे टेस्ट किया जाता है। इसके बाद निमोनिया के लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो एक्स-रे या सीटी-स्कैन की मदद से लंग्स की कंडीशन देखी जाती है। इससे डॉक्टर को पता चलता है कि कोविड निमोनिया के चलते फेफड़ों में क्या बदलाव आ रहा है। इसके अलावा कोविड निमोनिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट जैसे कंप्लीट ब्लड काउंट सीबीसी या मेटाबॉलिक पैनल टेस्ट भी किया जाता है।
कोविड निमोनिया का इलाज कैसे होता है?
कोविड 19 के चलते फेफड़ों में डैमेज गंभीर समस्या का कारण हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि लंग डैमेज के चलते आपको बाद में सांस लेने में परेशानी हो। अगर आपको निमोनिया के गंभीर लक्षण हैं तो ये आपके फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है। तबीयत ठीक होने के बाद भी फेफड़ों पर इसका असर नजर आता है। कुछ लोगों को निमोनिया में बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो जाता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं वहीं जिन लोगों को गंभीर लक्षण हैं उन्हें आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है। जिन लोगों को कोविड निमोनिया होता है उन्हें ऑक्सीजन थैरेपी दी जाती है, इससे सांस लेने में परेशानी की समस्या खत्म होती है और लक्षण कम होने लगते हैं।
किन लोगों को कोविड निमोनिया होने का रिस्क ज्यादा है?
1. जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या 65 पार है उन्हें कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा हो सकती है।
2. मेडिकल स्टॉफ को भी कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी।
3. जो लोग लंग डिसीज से पीड़ित हों उन्हें कोविड निमोनिया हो सकता है।
4. अस्थमा या हॉर्ट डिसीज के मरीजों को कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी।
5. लीवर डिसीज या डायबिटीज के मरीजों को भी कोविड निमोनिया हो सकता है।
6. मोटापे या कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति के लिए कोविड निमोनिया की आशंका सबसे ज्यादा है।
7. कैंसर मरीज या एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति को भी कोविड निमोनिया हो सकता है।
कोविड निमोनिया से बचने के लिए क्या करें?
ऐसा जरूरी नहीं है कि नए स्ट्रेन में हर किसी को कोविड निमोनिया हो पर कुछ स्टेप्स हैं जिससे कोविड निमोनिया से बचा जा सकता है-
इंफेक्शन कंट्रोल स्टेप्स को फॉलो करना जारी रखें जैसे- हाथ धोना, दूरी बनाकर रखना और रोजाना साफ-सफाई करना।
ऐसी आदतों को दिनचर्या में शामिल करें जिससे आपकी इम्यूनिटी बढ़े जैसे- खुद को हाइड्रेट रखना, हेल्दी डाइट लेना और नींद पूरी करना।
अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो डॉक्टर के मुताबिक इलाज पूरा करें, इस समय इलाज अधूरा छोड़ना हानिकारक हो सकता है।
अगर आपको कोविड हो जाता है तो अपने लक्षणों पर नजर बनाकर रखें ताकि इमरजेंसी की स्थिति से बच सकें।
कोविड निमोनिया और निमोनिया के लक्षण लगभग एक जैसे हैं इसलिए आप बिना किसी देरी किए बीमार व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाएं और लक्षणों की पहचान करने में देरी न करें।
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