July 1, 2025

वामन भोंसले का निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

नेशनल अवॉर्ड विनर एडिटर वामन भोंसले का निधन हो गया। वामन भोंसले ने 89 साल की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली। वामन भोसले फिल्म जगत के जाने- माने एडिटर रहे हैं। उन्हें साल 1978 में बेस्ट एडिटिंग का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। वामन के निधन की जानकारी फिल्म निर्माता/निर्देशक सुभाष घई ने दी है।

सुभाष घई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में सुभाष ने वामन भोंसले की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए लिखा, ‘वामन भोंसले सर की आत्मा को शांति मिले। मेरी पहली फिल्म ‘कालीचरण’ में जीनियस एडिटर, जो बाद में ‘खलनायक’ तक मेरी सभी फिल्मों के एडिटर टीचर रहे और मुझे अपनी ‘ताल’ जैसी फिल्मों की एडिटिंग के लिए प्रेरित करते रहे। एक महान टीचर।’

एक अन्य ट्वीट में सुभाष घई ने लिखा, ‘भगवान आपनी आत्मा को शांति प्रदान करे वामन भोंसले। एक मास्टर एडिटर जिसने 1970 से 1990 तक 400 से भी अधिक फिल्मों को एडिट किया। और 25 से भी ज्यादा एडिटर्स को ट्रेन किया। उन्होंने गुरु शिराली के साथ वामन गुरु के रूप में काम किया। उन्होंने कई कमर्शियल और नेशनल अवॉर्ड जीते।’

बता दें कि वामन भोंसले का जन्म गोवा में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिश्रा वहीं पर की। जिसके बाद वो 1952 में मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद उन्होंने एडिटर डी एन पाई की निगरानी में बॉम्बे टॉकीज में एडिटिंग की ट्रेनिंग ली और फिर 12 साल तक फिल्मिस्तान स्टूडियो में बतौर असिस्टेंट एडिटर काम किया। उनका पहला बड़ा प्रोजेक्ट 1967 में आई राज खोसला निर्देशित ‘दो रास्ते’ फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने लगातार कई निर्देशकों के साथ काम किया। वामन भोंसले के द्वारा एडिट की गई फिल्मों में ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘दो रास्ते’, ‘इनकार’, ‘दोस्ताना’, ‘गुलाम’, ‘अग्निपथ’, ‘हीरो’, ‘कालीचरण’, ‘राम लखन’ और ‘सौदागर’ शामिल हैं।

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