July 1, 2025

बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर रहे हैं तो जरूर समझाएं कोविड संबंधी ये नियम

इस समय कोरोना गया नहीं है बल्‍क‍ि उसका नया स्‍ट्रेन दस्‍तक दे चुका है इसलि‍ए हम सबको एहत‍ियात बरतनी है। खासकर बच्‍चों को लेकर क्‍योंक‍ि बच्‍चे इस समय कोरोना के र‍िस्‍क जोन में है। इस समय स्‍कूलों में प्री बोर्ड परीक्षा आने वाली है ऐसे में अगर आपका बच्‍चा भी स्‍कूल जाने वाला है तो आपको उसे भेजने से पहले कोरोना की गाइडलाइन जान लेनी चाह‍िए। केरल और महाराष्‍ट्र जैसे राज्‍यों में कोरोना से पीड़‍ित मरीजों में बच्‍चे भी शाम‍िल हैं। बाल रोग व‍िशेषज्ञ की मानें तो बच्‍चों में कॉमन कोल्‍ड, डायर‍िया जैसे लक्षण म‍िल रहे हैं, इसल‍िए अगर आपको ऐसा कोई र‍िस्‍क लगता है तो बच्‍चे का आरटीपीसीआर करवा लें। इस पर ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

1. ग्राउंड असेंबली, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक 
अगर कोई स्‍कूल ग्राउंड असेंबली या सांस्‍कृत‍िक प्रोग्राम करवाते हैं तो आप ऐसे स्‍कूल की कंप्‍लेन कर सकते हैं क्‍योंकि कोरोना गाइडलाइन के मुताब‍िक ग्राउंड असेंबली नहीं होगी और न ही क‍िसी कल्‍चरल प्रोग्राम को बढ़ावा द‍िया जाएगा। स्‍कूलों में खेलकूद प्रत‍ियोग‍िता भी नहीं होगी। असेंबली स‍िर्फ क्‍लास में टीचर की देखरेख में करवाई जा सकती है।

2. किताब, ट‍िफ‍िन, बॉटल शेयर‍िंग पर रोक 
भारत में भी बच्‍चों में कोरोना के केस सामने आए हैं ज‍िनमें बड़ों के ज‍ितना ही संक्रमण पाया गया है। इसल‍िए खतरा पूरी तरह से अभी टला नहीं है। डॉक्‍टरों के मुताब‍िक उन बच्‍चों को खतरा ज्‍यादा है ज‍िन्‍हें मोटापा या कोई दूसरी बीमारी है। आंकड़ों की मानें तो हर तीन में से एक बच्‍चे को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। इसल‍िए स्‍कूलों में सख्‍ती बर्ती जा रही है। सभी बच्‍चों को अपना सामान खुद लाने के लि‍ए कहा गया है, बुक्‍स, ट‍िफ‍िन या बॉटल शेयर नहीं करनी है।

3. अटेंडेंस पर नहीं है सख्ती 
अगर बच्‍चों में कोरोना के लक्षण नहीं है पर आपके आसपास कोवि‍ड पीड़‍ित लोग रहते हैं तो बच्‍चे को भी उससे खतरा हो सकता है। जैसे आपके घर में कई नौकर हैं तो आपको खतरा हो सकता है। ऐसे में बच्‍चे को स्‍कूल न भेजें। स्‍कूलों में अटेंडेंस पर सख्‍ती नहीं की गई है। ब‍िना पैरेंट्स की इजाजत ल‍िए बच्‍चे को स्‍कूल नहीं बुलाया जाएगा।

4. कोव‍िड के लक्षण हैं तो घर पर रहें
अभ‍िभावक और बच्‍चों को इस बात का ख्‍याल रखना है क‍ि इस समय आपकी सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं है। सरकार की गाइडलाइन के मुताब‍िक आपके बच्‍चे में कोव‍िड के लक्षण नजर आएं तो उसे स्‍कूल न भेजें। कोव‍िड के लक्षणों में बुखार, बहती हुई नाक, गले में खराश, सोर थ्रोट, सांस लेने में परेशानी, हड्ड‍ियों में दर्द, स‍िरदर्द, उल्‍टी, डायर‍िया, मुंह का स्‍वाद जाना, पेट में दर्द आद‍ि शाम‍िल है। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अपने बच्‍चे को हर द‍िन मॉन‍िटर करें।

5. बच्‍चों को मास्‍क पहनना अन‍िवार्य है 
डब्‍ल्‍यूएचओ ने कहा क‍ि आपको पब्‍ल‍िक प्‍लेस पर जाते समय मास्‍क जरूर लगाना है जबक‍ि सड़कों पर लोगों ने अब मास्‍क लगाना बंद कर द‍िया है। लेक‍िन अगर आपका बच्‍चा स्‍कूल जा रहा है तो उसे मास्‍क लगाकर भेजें क्‍योंक‍ि सभी स्‍कूलों में ये मास्‍क अन‍िवार्य है। गाइडलाइंस के मुताब‍िक बस, वैन या क्‍लासरूम में बच्‍चों को मास्‍क लगाकर रखना है। इसी के साथ बच्‍चों को समय-समय पर हाथ धोना है। स्‍कूल में सेनेटाइजर और छोटा हैंडवॉश लाने पर मनाही नहीं है तो आप बच्‍चे के बैग में इसे रख सकते हैं।

कोव‍िड का असर अभी पूरी तरह से खत्‍म नहीं हुआ है इसल‍िए बच्‍चे पर क‍िसी भी तरह के र‍िस्‍क के साथ स्‍कूल जाने का दबाव न डालें।

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