July 1, 2025

नए साल के जश्न मनाने के लिए पर्यटनस्थल तुरतुरिया जाते हैं पर्यटक

सुविधा का आभाव, यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय व विश्राम शेड नहीं

दिलीप माहेश्वरी-बलौदाबाजार

बलौदाबाजार मुख्यालय से 45 किमी दुर स्थित पर्यटक स्थल तुरतुरिया जिसे शासन ने मातागढ़ तुरतुरिया को श्रीराम वनगमन पथ के लिए चिन्हांकित किया हैं यहां हजारों लोगो का आवागन होता रहता है लेकिन यहां सुविधा नहीं होने कारण कई पर्यटक यहां नहीं आ पाते है इसके बावजूद सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को मेले जैसा माहौल रहता है। श्रीराम वनगमन पथ के लिए चिन्हांकित किए जाने के बाद क्षेत्रवासियो की उम्मीदें जाग गई हैं कि यहां पर भी कुछ मूलभूल सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
संतानदात्री माता के रूप में प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों में भी विख्यात क्षेत्र के मातागढ़ तुरतुरिया में पहले साल में तीन दिवसीय मेले में ही लोग पौष मास की पूर्णिमा के अवसर पर आते थे लेकिन अब लोगों का आवागमन वर्ष भर होने लगा है। सप्ताह मे हजारों की संख्या मे दार्शनार्थियो की भीड़ लग जाती है। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा इस प्रसिध्द तीर्थ पर अब तक किसी भी तरह की सुविधाएं दर्शनार्थियों के लिए उपलब्ध नहीे करायी जा सकी है।
सड़कों की मरम्मत पर लाखो खर्च, पर स्थिति जस की तस : मातागढ़ तुरतुरिया बार नवापारा अभ्यारण्य के सुरम्य वादियो के बीच घने जंगल मे स्थित है। यहां पहुंचने के छ: मार्ग हैं जिनमें से लोगों को आवागमन मे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वन विभाग द्वारा इन मार्गो की मरम्मत के नाम पर लाखों रूपयेंं खर्च किये जाते हैं लेकिन सड़को की हालत जस के तस जर्जर बनी हुई है। बार नवापारा से तुरतुरिया तथा बोरसी से भिंभोरी मार्ग की हालत कुछ बेहतर हैं परन्तु ठाकुरदिया से तुरतुरिया मार्ग अत्यंत जर्जर है। वन परिक्षेत्र लवन में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी इस मार्ग के मरम्मत के लिए मुरम की जगह आसपास की मिट्टियों को डालकर मरम्मत की राशि डकार जाते हैं।
यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय व विश्राम शेड नहीं – मातागढ़ तुरतुरिया में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते है जिनके बैठने के लिए कोई प्रतीक्षालय या विश्राम शेड नहीं है। जिसके चलते लोगो को धूल धूसरित जमीन पर बैठने विवश होना पड़ता है। यहां पर आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में यानी विश्राम शेड या प्रतीक्षालय बनाए जाने की आवश्यकता हैं।
भूमितल से 1150 फीट की ऊॅचाई पर स्थित मातागढ़ मंदिर – मातागढ़ मंदिर भूमि तल से 1150 फीट की ऊॅचाई पर स्थित हैं यहां पर स्थापित मंदिर वर्षो पुराना है जिनके सुंदरीकरण किया जाना व मंदिर परिसर में पुष्पवाटिका तथा पहाड़ी के चारो तरफ किसी तरह के दुर्घटना से बचने के लिए रेलिंग बनाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही मातागढ़ से बाघ गुफा जाने के लिए रैलिंग युक्तसुगम सीढिय़ां बनाना भी आवश्यक है।
गोमुख या बालमदेहि नदी से पीते हैं पानी ( गोमुख से निकलता हैं शुध्द जल) -यहां आने वाले दर्शरार्थियों के लिए शुध्द पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा स्थापित किए गए एक मात्र हैंडपंप व के्रडा द्वारा स्थापित स्वचलित सोलर पंप में लगाएं गए एक मात्र चैमुखी नल के स्टैंड पोस्ट हैं।
यहां आने वाले दर्शनार्थियों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण गोमुख या बालमदेहि नदी के पानी को पीने के लिए विवश होना पड़ता है।

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