July 1, 2025

नफरत फैलाना नहीं, प्रेम बांटना छत्तीसगढ़ की संस्कृति : भूपेश

पायनियर संवाददाता .रायपुर
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुछ लोग भगवान राम के नाम का उपयोग वैसे ही करते हैं, जैसे कालनेमि ने किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग केवल स्वार्थवश राम का नाम लेते हैं। जबकि हम लोगों ने सदा से जन-जन में बसे राम को पूजा है। छत्तीसगढ़ में नयी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर रायपुर के निकट चंदखुरी में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। बघेल ने कहा कि जब महात्मा गांधी को गोली मारी गई थी, तब भी गांधीजी के मुंह से राम का ही नाम निकला था। माता कौशल्या की जन्मस्थली चंदखुरी में आयोजित इस समारोह में तीन दिनों से जारी राम वन गमन पथ रथ यात्रा और बाइक रैली का समापन भी हुआ। यह रैली उत्तर छत्तीसगढ़ के कोरिया तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा से 14 दिसंबर को एक साथ शुरु हुई थी। वनवासकाल में राम ने कोरिया से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था और सुकमा से गुजरते हुए दक्षिण भारत की ओर बढ गए थे। राज्य सरकार ने राम के इस पूरे वन-पथ में पर्यटन विकास के लिए 137 करोड़ रुपए की महत्वाकांयोजना तैयार की है। इस योजना के तहत राम से संबंधित 75 चिन्हित स्थानों में से पहले चरण में 9 स्थानों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। माता कौशल्या का मायका कहा जाने वाला चंदखुरी भी इन्हीं में से एक है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि माता कौशल्या ने ही राम के चरित्र को गढ़ा था। जो चरित्र माता कौशल्या का था, वही छत्तीसगढिय़ा लोगों का है। उन्होंने ही राम को दुख-सुख में सम भाव से रहना सिखाया। राम ने सहनशीलता और कर्तव्यों का पालन करना माता कौशल्या से ही सीखा। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करके राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को नयी वैश्विक पहचान दे रही है। कुछ वर्षों पहले तक अन्य राज्यों के लोग छत्तीसगढ़ को या तो भिलाई के नाम से जानते थे, या फिर नक्सल समस्या के कारण, लेकिन अब यह छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक संपन्नता के कारण जाना जाता है। इसकी पहचान इसके समृद्ध किसानों से होती है। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान हमारे किसान और आदिवासी है। हम इसी पहचान को आगे बढ़ा रह हैं, इसी उद्देश्य से हम लोगों ने रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आदिवासी नृत्य महोत्सव का भी आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि कल बाबा गुरु घासीदास की जयंती है, यह त्यौहार भी हम शानदार ढंग से मनाएंगे। छत्तीसगढ़ की नयी पहचान के लिए सिरपुर को भी विकसित किया जाएगा, जो नालंदा के बाद सबसे बड़ा बौद्ध परिसर है। हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र में विशेष महत्व है। बघेल ने कहा कि गौ-सेवा के क्षेत्र में हमारी गोधन न्याय योजना से बढयि़ा व्यवस्था और कहीं नहीं है। छत्तीसगढ़ गो-सेवकों का प्रदेश है। यहां के किसानों और मजदूरों ने देश को अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। जब पूरे देश में मंदी छाई हुई है, तब यहां मंदी का कोई असर नहीं है। नाराज किसान देश की राजधानी को घेर कर बैठे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में खुशहाली है। यदि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की नीति पर काम करे तो किसानों का आंदोलन कल वापस हो जाए। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने हर युग में रास्ता दिखाया है। हमारी संस्कृति नफरत फैलाने की नहीं, बल्कि प्रेम बांटने की है। हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं, चाहे कोई किसी भी जाति या धर्म का हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी भूखा-प्यासा न रहे, सभी को शिक्षा और रोजगार मिले, हम ऐसी व्यवस्था के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। रथ-यात्रा और बाइक रैली के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर में पूजा-अर्चना की और रुद्राक्ष पौधे रोपे। समारोह में मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत मंत्री टी.एस.सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, निगम मंडलों के अध्यक्ष, क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम को गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेरामसुंदर दास, पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, कृषि और जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के सचिव पी. अंबलगन ने स्वागत भाषण दिया।
मंत्री परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को उनके निवास कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 1- राज्य शासन के सभी शासकीय विभागों के द्वारा राज्य के प्रदायकों से ही सामग्री क्रय का निर्णय लिया गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम, 2020 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। 2-छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। 3-गोधन न्याय योजना के तहत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय दर 8 रूपए प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 10 रूपए प्रति किलोग्राम करने के निर्णय का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुसमर्थन किया गया। 4- दुर्ग जिला गृह निर्माण समिति राजनांदगांव (मोहन नगर) को आबंटित नजूल भूमि के पट्टा निष्पादन की अनुमति प्रदान की गई। 5-भारतीय स्टाम्प (छत्तीसगढ संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 6-छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम 2011 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2020 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। 7-छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम 2002 एवं छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण नियम, 2002 में संशोधन किए जाने हेतु मंत्रिपरिषद उप समिति का गठन कर प्रस्तावित संशोधनों में समिति की अनुशंसा प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। – नगर पालिक निगमों के स्वामित्व के खाली पड़े भवनों को सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर योजना के लिए उपयोग किए जाने हेतु छत्तीसगढ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अंतर्गत छत्तीसगढ अचल संपत्ति अंतरण नियम 1994 के प्रावधानों में शिथिलीकरण का निर्णय लिया गया। 9- छत्तीसगढ़ राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 10- द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2020-21 का विधानसभा में उपस्थापन बावत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 11- राज्य के जिला मुख्यालयों एवं प्रमुख शहरों में निर्मित जर्जर भवनों के रिडेव्हलपमेंट करने का निर्णय लिया गया। जिसमें रायपुर के शांति नगर के पुनर्विकास योजना को सैद्धांतिक सहमति दी गई। 12- छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल एवं रायपुर विकास प्राधिकरण को आबंटित शासकीय भूमि पर आवासीय एवं आवासीय/व्यवसायिक योजना में शामिल व्यवसायिक संपत्ति को फ्री -होल्ड करने की अनुमति निहित शर्तो पर दी जाए। 13- छत्तीसगढ राज्य के निर्माण कार्यो के ठेकों में एकीकृत पंजीयन व्यवस्था के तहत ‘ई’ श्रेणी के मापदण्ड (द्ब) एवं (द्ब1) में संशोधन का निर्णय लिया गया। जिसके तहत मापदण्ड (द्ब) में अब सामान्य क्षेत्रों में स्नातक बेरोजगार युवाओं का पंजीयन होगा वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं का पंजीयन ई श्रेणी में किया जाएगा जबकि पूर्व में अनुसूचित क्षेत्रों में भी स्नातक उपाधिधारी बेरोजगार युवाओं का ई श्रेणी में पंजीयन किया जा रहा है। इसी तरह मापदण्ड (द्ब1) में अब ई श्रेणी पंजीयन एवं प्रतिस्पर्धा ब्लॉक एवं नगर निगम सीमा तक सीमित रहेगी। पंजीयन ब्लॉक स्तर पर होगा तथा संबंधित नगर निगम सीमा क्षेत्र को भी पंजीयन के लिए एक इकाई माना जाएगा जबकि पहले प्रावधान था कि स्नातधारी जिस ब्लॉक के निवासी होंगे, वह उसी ब्लॉक अंतर्गत के कार्यो के लिए प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकेंगे। 14- छत्तीसगढ रोड एण्ड इंफ्रेस्ट्रक्चर डेव्हलमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा राज्य शासन से संप्रभु गारंटी प्राप्त कर बैंक/वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने एवं निर्माण कार्य संपादन की प्रक्रिया का अनुमोदन किया गया। 15- संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण के अधीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में शेष 69 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की सेवा अवधि में भी वृद्धि/नवीनीकरण का निर्णय लिया गया। पूर्व में 235 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की संविदा सेवा में वृद्धि की गई है।

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