July 1, 2025

छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में भूपेश सरकार कराएगी प्रवेश

होनहार बच्चों का अब सरकार संवारेगी भविष्य

पायनियर संवाददाता-रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ओर संवेदनशील पहल करते हुए प्रदेश के सुदुर अंचल जहां नेटवर्क और अन्य तकनीकी कारणों से नीट क्वालिफाई होनहार छात्र-छात्राएं जो काउंसलिंग के लिए निर्धारित समय पर अपना पंजीयन नही करा सके थे उन्हें अब प्रदेश के निजी कॉलेजों में पेमेंट सीट पर प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए है। इन होनहार बच्चों का भविष्य अब सरकार संवारेगी।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है कि एमबीबीएस के लिए निजी कॉलेजों के पेमेंट सीट में बच्चों को राज्य सरकार के खर्च पर दाखिला दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि किसी भी बच्चे के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के दूरस्थ आदिवासी अंचलों के ऐसे सभी होनहार बच्चों के एमबीबीएस मेें दाखिला के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में जैसे ही यह बात आयी कि दंतेवाड़ा जिले के 27 होनहार छात्र-छात्राएं जिन्होंने नीट क्वालिफाई किया है परन्तु नेटवर्क प्राब्लम के चलते प्रथम काउंसलिंग में उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था।
इस सम्बन्ध में जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर पंजीयन कराने का प्रयास किया गया और राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय काउंसलिंग पूर्व इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया परंतु ये छात्र चयन से वंचित रह गए । राज्य में पंजीयन हेतु द्वितीय अवसर नहीं होने से उनका पंजीयन नहीं कराया जा सका । प्रथम काउंसलिंग के पश्चात इसमें दो छात्रा कुमारी पदमा मडे और पीयूषा बेक एमबीबीएस में प्रवेश की पात्रता रखती हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर दंतेवाड़ा द्वारा इन छात्राओं का प्रदेश के निजी कॉलेजों में दाखिला की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आगे भी यदि इनमें से कोई छात्र कटअप के बाद प्रवेश के लिए पात्र पाया जाता है तो उन्हें भी निजी कॉलेजों की पेमेंट सीट पर दाखिला दिलाया जाएगा और इसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

नि:शक्तता सिर्फ एक शारीरिक कमी है, यह समझने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत : भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी दिव्यांगजन को 3 दिसम्बर अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल और सुखद भविष्य की कामना की है। घेल ने कहा कि पूरे विश्व में नि:शक्त व्यक्तियों के लिए समान अधिकार, तरक्की और विकास के रास्ते सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग भी मुख्यधारा का ही हिस्सा हैं। नि:शक्तता सिर्फ एक शारीरिक कमी है, यह समझने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है। दिव्यांग दिवस तभी सार्थक हो सकता है जब सभी नि:शक्त व्यक्ति अन्य नागरिकों के समान ही आर्थिक और सामाजिक स्थिति पा सकें।
समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिय़ा ने प्रदेशवासियों विशेषकर दिव्यांगजन को 3 दिसम्बर अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं दी है।भेंडिय़ा ने कहा कि नि:शक्तजन को विकास के समान अवसर उपलब्ध के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इस दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में हौसले और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्हें हमारी सहानुभूति नहीं हमारे साथ की जरूरत है, जिससे दिव्यांगजन अपने हौसलों को उड़ान दे सकें। भेंडिय़ा ने कहा कि कुपोषण और बीमारी अधिकांशत: नि:शक्तता की जड़ होते हैं। इस दिशा में सामाजिक जागरूकता और सहयोग की जरूरत है, जिससे हम भावी पीढ़ी को स्वस्थ और सक्षम बना सकें।

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