July 1, 2025

डीजीपी के सख्त चेतावनी के बाद भी छूट, आबकारी विभाग को भी नहीं मिल रहे बड़े तस्कर

घुमका क्षेत्र में थम नहीं रहा अवैध शराब का कारोबार

पायनियर संवाददाता-राजनांदगांव

अवैध शराब के कारोबार को रोकने के तमाम इंतजामों, दिशा निर्देश और आदेशों के उलट इन दिनों शराब के काले कारोबार को रोकना पुलिस और आबकारी विभाग के लिए मुश्किल ही नहीं सम्भवत: नामुमकिन प्रतीत हो रहा है। पूरे इलाके के गांव की हर गलियों में एमपी और महाराष्ट्र की अवैध शराब खुलेआम भारी मात्रा में बेखौफ बेची जा रही है। जबकि अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ के डीजीपी को कई बार फरमान जारी करना पड़ा है। इसके बाद भी अंकुश नहीं हो पाना कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है।
बीते पखवाड़े पहले पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने वक्तव्य जारी कर सूबे के तीन जिलों में फैले अवैध शराब के कारोबार को लेकर अपने महकमे के मातहत अधिकारियों के लिए काफी तल्ख टिप्पणी करते हुए सख्त हिदायत भी दिया है। दुर्भाग्यवश तीन जिलों में राजनांदगांव भी शुमार है। डीजीपी ने फरमान में अवैध शराब बिक्री के मामले पाये जाने वाले थाना क्षेत्र के प्रभारियों पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। इसके बावजूद भी अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
घुमका सहित पूरे इलाके में इन दिनों अवैध शराब के बेखौफ कारोबार के बीच पुलिस की कार्यवाही में बड़ी मछलियों का पकड़ में नहीं आना काफी चर्चा में है। बीते अप्रैल महीने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध शराब डंप को पकडऩे में बड़ी सफलता हाथ लगी थी। कुछ नामी-गिरामी तस्कर भी पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इन तस्करों के माध्यम से पूरे जिले में शराब के माफिया तक पहुंचने का प्रयास चलता रहा। शराब लाबी के बड़े माफिया तक पुलिस नहीं पहुंच पाई थी। तब पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार वार्ता लेकर स्पष्ट रूप से संदेश दिया था कि शराब के अवैध कारोबार को जिले में बिल्कुल पनपने नहीं दिया जाएगा और अगस्त माह में पुलिस अधीक्षक का तबादला हो गया।

फिर आने लगी एमपी से खेप

इसके बाद फिर से एमपी से बड़ी मात्रा में पहुँच रही। अवैध शराब की खेप से इलाके के कई गांव के नामी तस्करों ने फिर से शराब के अवैध कारोबार का जाल बिछा लिया है। खबरों के अनुसार घुमका, मुरमुन्दा, गोपालपुर, सलोनी, कलेवा, हरदुआ, भालूकोंन्हा पटेवा बरबसपुर आदि गांव में बड़े पैमाने पर देशी विदेशी एमपी एवं दिगर प्रांत के अवैध शराब को खपाने का खेल जोरों से चलना बताया जा रहा है। विश्वस्त जानकारी के अनुसार शराब माफिया के आकाओं द्वारा गांव गांव में तस्करों तक आसानी से कई पेटी शराब पहुंचाई जा रही है। नाम मात्र की छोटी मोटी कार्यवाही कर औपचारिकताओं का खेल खेला जा रहा है। कुछ होटल नुमा अड्डों के संचालक भी अवैध शराब के कारोबार में लिप्त बताए जा रहे हैं।

प्रतिदिन कई पेटी शराब बिक रही

सबसे दुर्भाग्य जनक स्थिति यह कि स्थानीय घुमका में ही प्रतिदिन कई पेटी अवैध शराब खपने की खबर लगातार मिल रही है। मदिरा प्रेमी निर्धारित ठिकाने से आसानी से शराब खरीद लेते हैं। सूत्रों के अनुसार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से चंद कदम दूर व्यस्त आवाजाही वाले मुख्य मार्ग पर ही चिकन मटन बिरयानी सेंटर और होटल के आड़ में अवैध शराब बिक्री और पीने की सुविधाएं खुलेआम उपलब्ध होना बताया जा रहा है। इन सभी स्थितियों को देख कर आम नागरिक अंदाजा लगा रहे हैं कि इस कदर अवैध शराब के पूर्व से चिन्हित सौदागरों पर आखिर पूरा तंत्र एवं प्रशासन की मेहरबानी के पीछे कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की आशंक ाओं की चर्चा भी जोरों पर है।

नाकामी या गठजोड़

सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार काफी लंबे समय से शराब की बड़ी खेप का पकड़ में नहीं आना और घुमका समेत अवैध शराब बिक्री के लिए चर्चित गांवों में आसानी से शराब उपलब्धतता को तंत्र की नाकामी या गठजोड़ के तौर पर देखा जा रहा है। इलाके में अवैध शराब जप्ती की कार्यवाही को लेकर पुलिस के अलावा आबकारी के हाथ भी इन दिनों पूरी तरह खाली बताया जाता है। जबकि अवैध शराब के कारोबार को लेकर जानकार सूत्रों का कहना है कि पूरे इलाके में चौबीसों घंटे तमाम गांवों में शराब आसानी से उपलब्ध हो रहा है।
अवैध शराब के इस बड़े पैमाने पर चल रहे कारोबार में अंकुश लगाने आबकारी विभाग की ठोस कार्यवाही पूरे क्षेत्र में अब तक उल्लेखनीय भी नही बताया जा रहा है। जबकि इस अवैध धंधे को रोकने की गरज से कुछ साल पहले स्थापित की जाने वाली आबकारी सर्किल भी राजनांदगांव शिफ्ट कर दिये जाने से स्थिति ज्यादा बिगड़ती चली गई जबकि हाल फिलहाल में अवैध शराब के चलते लगातार घुमका, पटेवा में चाकूबाजी और अन्य गम्भीर घटनाएं भी हो चुकी है।

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