मुंगेली
रचनाकार बनाए नहीं जाते बल्कि उनकी संवेदनशीलता ही सृजन को प्रेरित करती है, डॉ. पोखरियाल संवेदनशील कथाकार हैं । जिस कहानी का अंत त्रासदी से होती है वह याद रह जाती है । एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वेब-संगोष्ठी के मुख्य अतिथि की आसंदी से वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. बी. एल. गॉड (दिल्ली) ने उपरोक्त बातें कहीं। यह महत्वपूर्ण आयोजन अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ से संबद्ध डां. ज्वाला प्रसाद मिश्र शासकीय स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय मुंगेली के हिन्दी विभाग द्वारा Óसुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के कहानी संग्रह अंतहीन पर विमर्शÓ विषय पर प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ.चिन्मोई रानी दास के सफल मार्गदर्शन एवं संयोजक डां. चंद्रशेखर सिंह के कुशल संचालन तथा संयोजन सचिव एस.एल मौर्य के तकनीकी होस्ट में सम्पन्न हुआ। अध्यक्षीय आसंदी से भाषाविद् डॉ.विनय कुमार पाठक, पूर्व अध्यक्ष- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने कहा कि डॉ. पोखरियाल की कहानियां अंतर्मन की अंतरयात्रा ही नहीं बल्कि पहाड़ी जनजीवन और भारतीय संस्कृति की आकृति भी है । प्रमुख वक्ता के रूप में पोलैण्ड के डॉ.सुधांशु कुमार शुक्ला ने कहा- बात करने से बात नहीं बनती, काम करने से काम होता है । साहित्य की सार्थकता तब है जब वह जन- जन तक पहुंचे । पिछड़े वर्गों की संघर्ष- गाथा है डॉ. पोखरियाल की कहानी। विशेष वक्ता डॉ.बेचौन कंडियाल, साहित्यकार दिल्ली ने कहा- साहित्य, संवेदना से शक्ति पाती है, डॉ. निशंक की संवेदनशीलता ने उन्हें साहित्य हृदय दिया । पहाड़ी की कठोरता ने जहां व्यक्तित्व को मजबूत बनाया वहीं प्रकृति की वादियों ने उनकी भावना को कोमल किया। विशेष वक्ता डॉ. रमा जी , प्राचार्य हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा- जल, जंगल, जमीन, गरीबी, लाचारी, बेकारी की अंतहीन कथा की अभिव्यक्ति है अंतहीन कहानी। डॉ. नीना शर्माश्हरेशश् ने कहा- डॉ. पोखरियाल की कहानियां समतल नदी में बहने वाले जल की तरह है । उनमें प्रेमचंद की सादगी एवं कबीर की संवेदना दिखाई देती है । डॉ.विदुषी अमेटा (राजस्थान) ने बेहतर एवं व्यवस्थित प्रतिक्रिया दी । एन.के.पुरले ने आभार प्रकट किया । संयोजन समिति प्रो. एस.के.तिवारी, डॉ.रीता बाजपेई,डी.एस. टण्डन, एस.के.भारती, डॉ.अलका दुबे का विशेष सहयोग रहा ।
वेब- संगोष्ठी में देश- विदेश से लगभग 500 प्रतिभागियों की सहभागिता रही।
More Stories
एस्सेल माइनिंग की दो कोयला खदानों को निष्पादित करने में भारत में इस वर्ष कोयले की कमी हो जाएगी
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2023
युवाओं को दरकिनार करना लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता कांग्रेस पर भारी – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)