July 2, 2025

चना और गेहूं के उन्नत बीज के लिए भटक रहे अन्नदाता बोनी का समय करीब

खरीफ सीजन में भी नहीं मिल पाया उन्नत बीज, कोरोना का बहाना, कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे किसान

पायनियर संवाददाता-राजनांदगांव

मेहनतकश किसानों की पसीने से सिंचित और अन्नदाताओं की जी तोड़ मेहनत से समृद्ध खुशहाल सूबे में किसानों को हरकदम प्रशासनिक नुमाइंदों के छल का शिकार होना पड़ रहा है। सरकार के तमाम फैसले किसानों के हक में लेने का दावा केवल कागजी और हवा हवाई नजर आने लगा है। महंगे दामों पर खादए उर्वरक कीटनाशक के अलावा बेहतर उत्पादन की आस में उन्नत किस्म के बीजों के लिए खरीफ सीजन में भी लघु और सीमांत कृषकों को धानए सोयाबीनए अरहर आदि फसलों के लिए शासन की किसी भी योजना में कृषि विभाग से कोई लाभ नहीं मिलने के चलते बाजार से उन्नत किस्म के बीज के लिए महंगे दामों पर खरीदने की मजबूरी के कारण कर्ज तले दबे किसानों को अभी तक कर्ज के बोझ से मुक्ति नहीँ मिल पायी है।
खरीफ सीजन में कोरोना का कारण बताकर कृषि विभाग की ओर से उन्नत खेती के तहत ष्प्रदर्शन योजनाष् के तहत सब्सिडी में मिलने वाली किसी भी फसल का बीज नही मिल पाया। मजबूरन हाइब्रिड और अन्य उन्नत किस्म के बीज बाजार से महंगे दामों में खरीदना पड़ा। इससे किसानों के सिर भारी कर्ज का बोझ अब तक उठाना मजबूरी बनी हुई है। अब जबकि क्षेत्र के अधिकांश किसानों का फसल पककर तैयार भी हो गया है लेकिन 1 दिसम्बर से धान खरीदी के शासन के निर्णय के कारण दीवाली जैसे त्यौहार में मेहनतकश किसानों की दीवाली भी फीकी रही है।
यही नहीं धान के बाद रबी फ सलों में चना और गेंहू की बोनी को लेकर भी राहत की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। फ सल की सरकारी खरीदी के अभाव में खाली हाथ किसानों को उन्नत किस्म के बीज के लिए एक बार फि र महंगे दामों में बाजार की ओर रुख करना मजबूरी है। चूंकि कृषि विभाग की ओर से उन्नत खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उन्नत किस्म के चना गेहूं का बीज ष्प्रदर्शन योजनाष् समेत कई योजनाओं के तहत बाजार मूल्य से काफ ी कम कीमत पर सब्सिडी में हर साल उपलब्ध कराया जा रहा था इसी आस में बोनी का समय करीब होने के बाद भी आज तक बीज उपलब्ध नहीं हो पाना अन्नदाताओं को महंगाई की मार भारी पड़ सकता है।

अब भी गोदाम में डंप

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार राजनांदगांव विकासखंड के लिए तकरीबन 250 हेक्टेयर के लिए उन्नत चना बीज कृषि विभाग के गोदामों में डम्प पड़ा हुआ है और गेंहू बीज भी अफ सरशाही के चक्कर में राजधानी से जिला मुख्यालय के बीच उलझा हुआ है। क्षेत्र के परेशान किसान उन्नत बीज की आस में कृषि विभाग के चक्कर काट रहे हैं। जबकि किसानों की मजबूरी का फ ायदा उठाने बीज व्यापारी और दलाल किसानों को ठगने गांव.गांव एजेंटों के माध्यम से घूम रहे हैं। कृषि विभाग के चक्कर लगाते किसानों को अब तक विभाग से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

दो दिनों में ही दो सौ बोरी का उठाव

जानकार सूत्रों के अनुसार अभी तक विभाग के योजनाओं के तहत घुमका क्षेत्र के किसी भी क्लस्टर में बीज वितरण नहीं किया गया है। विभाग के जिला स्तर के आला अधिकारियों को इस सम्बंध में शिकायत करने पर कोई ठोस जवाब देने के बजाय क्षेत्र के समितियों से बीज खरीदने की सलाह देते हुए पर्याप्त भंडारण का दावा कर रहे हैं। जबकि वास्तविकता ये है कि जिले की सबसे बड़ी सोसायटी कृषक सेवा सहकारी समिति घुमका में ही चना और गेहूं के बीज के लिए ज्यादातर किसान भटक रहे हैं। जानकारी के अनुसार घुमका सोसायटी में गेंहू बीज अब तक मात्र 200 बोरी का भंडारण किया गया था जो मुश्किल से दो दिनों में ही उठाव हो गया। जबकि गेहूँ बोनी का रकबा अकेले घुमका में ही तकरीबन में 400 एकड़ बताया जा रहा है और भंडारित बीज काफी कम है। जबकि इस समिति से 46 गांव के किसानों को आपूर्ति किया जाना है। कमोबेश यही स्थिति चना बीज को लेकर भी बताया जा रहा है। लगातार अकालए सूखा और बीमा के लाभ से वंचित कर्ज तले दबे अन्नदाताओं को राहत की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।

 

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