June 16, 2025

स्वास्थ्य मंत्री की दो टूक : पूरी जिम्मेदारी अधीक्षक की, मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

0 जांच कमेटी के समक्ष आज पेश होगा ऑक्सीजन सप्लायर
0 अस्पताल प्रबंधन पूरा ठीकरा सप्लायर पर फोडऩे के प्रयास में

राजनांदगांव।

बीते दिनों मेडिकल कालेज सम्बद्ध कोविड अस्पताल में खैरागढ़ निवासी वेंकट रंगारी नामक व्यक्ति की लापरवाही से हुई मौत के मामले में अब अस्पताल प्रबंधन घिरता नजर आ रहा है । हालांकि इस मामले में लीपापोती करने का भरसक प्रयास अधीक्षक प्रदीप बेक व अन्य लापरवाह कर्मचारियों द्वारा किया गया लेकिन अब इस मामले पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का हस्तक्षेप होने की वजह से दोषियों का बचना मुश्किल लगने लगा है।

अब तक मौत के इस मसले पर आक्सीजन सप्लायर मेसर्स रामा गैसेस को नोटिस देकर मामले का ठीकरा उन्हीं पर फोडऩे का प्रयास किया जाता रहा है। लेकिन पायनियर से चर्चा के दौरान अब स्वास्थ्य मंत्री बाबा ने स्पष्ट कर दिया है कि मेडिकल कालेज में संचालित कोविड अस्पताल में यदि वहां के कर्मचारियों और डाक्टरों की लापरवाही से यदि कोई मौत हुई है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अधीक्षक की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जांच कमेटी का गठन किया जा रहा है जो कई बिंदुओं पर जांच करेगी और जांच के बाद किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा फिर चाहे वो कोई भी क्यों ना हो।

स्वास्थ्य मंत्री के इस रवैये से अब अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है और जैसे तैसे अब वो खुद को बचाने की जुगत में लगे हैं। गौरतलब है कि अधीक्षक की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी मेसर्स रामा गैसेस को मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने की बात कही थी। जवाब न आने की सूरत में कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी भी दी गई थी। दूसरी ओर जब एजेंसी ने अपनी ओर से जवाब दे दिया है तो प्रबंधन इसकी जानकारी देने से हिचकिचा रहा है।
0 क्रय समिति के सामने आज पेश होगा सप्लायर
गौरतलब है कि इस मामले में आक्सीजन सप्लायर को नोटिस जारी करके चौबीस घंटे के भीतर जवाब देने कि बात कही गई थी अन्यथा एकतरफा कार्यवाही की बात कही गई थी लेकिन जवाब नहीं आने के बाद अपने ही नोटिस के विरुद्ध प्रदीप बेक ने एक और नोटिस जारी किया अपर क्रय समिति के समक्ष अपनी बात रखने को कहा। अब आज दोपहर 12 बजे आहूत बैठक में सप्लायर उपस्थित होकर अपनी बात क्रय समिति के सामने रखेंगे ।

0 जिन पर आरोप वही लोग कर रहे जांच
इस पूरे मसले का एक गंभीर पहलु यह भी है कि वेंकट रंगारी की मौत के मामले में जो विभागीय जांच शुरू की गई है उसमे तीन लोग हैं जिसमे अस्पताल अधीक्षक प्रदीप बेक, डॉ अजय कोसम और डॉ पवन जेठानी शामिल हैं जबकि इन्हीं लोगों पर लापरवाही का आरोप है। अब ऐसे में जांच पर कितना भरोसा किया जाएगा जो लोग अपने पर लगे आरोपों की जांच खुद कर रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने सीधे तौर पर कहा है कि इस मामले में पूरी जिम्मेदारी अधीक्षक की है । कुल मिलाकर अब जांच में तरह तरह के खेल खेले जाएंगे और खुद के द्वारा खुद को ही बचाने का भरसक प्रयास किया जायेगा। अब देखना यह है कि राजधानी से जांच समिति कब राजनाँदगाँव आएगी और निष्पक्ष जांच कर मृतक वेंकट रंगारी को न्याय दिलाएगी और दोषियों को सजा।

0 सीधी बात स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के साथ
पायनियर – मामले में सिर्फ ऑक्सीजन सप्लायर को दोषी बताया जा रहा है जबकि गलती तो मेडिकल स्टाफ की भी है।
स्वास्थ्य मंत्री – जांच होगी तो हर एक कि जिम्मेदारी तय होगी।
पायनियर – लेकिन स्थानीय जांच में तो जमकर धांधली की संभावना है, प्रदीप बेक अपने ही नोटिस के खिलाफ दोबारा नोटिस जारी कर चुके हैं?
स्वास्थ्य मंत्री – कोई फर्क नहीं पड़ता। जल्दबाजी में कोई काम होता है तो गलत ही होता है इसलिए कमेटी बनाई जायेगी जांच के लिए ।
पायनियर – इस मामले में अधीक्षक प्रदीप बेक व डीन रेणुका गहिने एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं उसका क्या?
स्वास्थ्य मंत्री – डीन का सिर्फ कालेज में पढ़ाई वगैरह देखने का काम ज्यादा होता है। जिम्मेदारी तो इसमें अधीक्षक की ही बनती है ।
पायनियर – तो क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी ?
स्वास्थ्य मंत्री – निश्चित तौर पर जांच में जिसका जिसका नाम आएगा उन सब पर कार्यवाही की जायेगी।

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