रायपुर! प्रदेष का वन अमला निष्चित तौर पर भू-जल संरक्षण कार्य को लेकर बहुत ही सजह है। इसका अन्दाजा खर्च की गई राषि से लागाया जा सकता है। आमतौर पर वन विभाग के द्वारा खर्च की जाने वाली राषि की जानकारी पर समाान्य आदमी की रुचि नहीं होती क्योंकि इन विभागों की योजनाओं का मनुष्य के जीवन में प्रत्यक्ष रुप से प्रभाव नहीं पडता लेकिन जब इन योजनाओं के लिए इतनी लंबी -चैडी रकम खर्च की जा रही हो तो जानना आवाष्यक होता है। पायनियर टीम ने एक पडलात पर पता लगाया कि छत्तीसगढ का वन अमला जुलाई 2020 की स्थिति में भारत सरकार से अनुमोदित ए.पी.ओ. 2019-20 में निहित प्रावधानों के तहत वनक्षेत्र में स्थित नालों में भू-जल संरक्षण कार्य के अंतर्गत 6621.24 लाख रुपये व्यय कर चुका है। कैम्पा के अफसरों को कहना है कि इन नालों का निर्माण जंगलों में नहीं किया गया है। अपितु वनक्षेत्रों में स्थित नालों में भू-जल संरक्षण कार्य कराया गया है।
कैम्पा का उद्देष्य-क्षतिपूर्ति वनीकरण, वनों के संरक्षण, सुरक्षा एवं संवर्धन, वनिकी विस्तार, अनुसंधान एवं प्रषिक्षण, वन्य प्राणी प्रबंधन एवं संरक्षण, विभागीय अधोसंरचना विकास, वन सुरक्षा, तथा सूचना प्रौद्योगिकी का विकास करना ।
कैम्पा का गठन:-भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार विभिन्न संस्थाओं द्वारा जमा की गई राषि के योजनाबद्ध उपयोग हेतु राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण, कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण;राज्य कैम्पाद्ध का गठन 24 जुलाई 2009 में किया गया।
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