October 14, 2025

पाठ्य पुस्तक निगम नियमों को अनदेखा कर पेपर खरीदी को आमदा, चहेतों को लाभ पहुंचाने का आरोप

पायनियर संवाददाता . रायपुर
छत्तीसगढ प्रदेश इन दिनों नियम विरुद्ध टेन्डरिंग को लेकर चर्चा में है, पीएचई विभाग के द्वारा जल जीवन मिशन में नियम विरुद्ध टेन्डर किया गया जिसका खामीयाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है । हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास शिकायत होने पर जलजीवन मिशन के पूरे टेन्डर रद्द कर दिए गए है। अब ताजा मामला छत्तीसगढ पाठ्य पुस्तक निगम का है जहां पर पेपर खरीदी के लिए तकरीबन 90 करोड का टेन्डर किया जा रहा है जिसमें छत्तीसगढ के बाहर की कम्पनी को ठेका देने के लिए नियमों को शिथिल करने का अरोप लग रहा है। केन्द्र सरकार से जीएसटी रिटर्न को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है जिसके वजह से प्रदेश में ठेका कम्पनियों को छत्तीसगढ का जीएसटी अनिवार्य कर दिया गया है। भंडार क्रय नियम में संशोधन करके सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में ठेका लेने वाली कम्पनियों का छत्तीसगढ प्रदेश में जीएसटी पंजीयन होना चाहिए साथ ही जिस सामग्री के लिए टेन्डर किया गया है उसका भी जीएसटी पंजीयन होना चाहिए। राज्य सराकर ने यह संशोधन इसलिए किया है कि क्योंकि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार के हिस्से में आने वाली जीएसटी की राशि के लिए बहुत परेशानियों का सामना करना पडता है। राज्य सरकार के इस फैसले को छत्तीसगढ पाठ्य पुस्तक निगम ठेंगा दिखा रहा है। मामला तकरीबन 90 करोड रुपये के पेपर खरीदी का है। इसके लिए पाठ्य पुस्तक निगम ने उन कम्पनियों को भी मौका दिया है जिनका छत्तीसगढ प्रदेश में जीएसटी पंजीयन नहीं है। यदि ठेका कम्पनियों का जीएसटी पंजीयन राज्य में होता तो जीएसटी भी राज्य में जमा करना पडता दूसरे राज्य की कम्पनी अपने पंजीयन वाले प्रदेश में जमा करेगी।

हमारे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई हैं। न ही ऐसा काई प्रस्ताव आया है । शिकायत या प्रस्ताव आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
-डॉ. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

राज्य सरकार ने भंडार क्रय नियम के तहत छत्तीसगढ राज्य का जीएसटी पंजीयन होना अनिवार्य किया है। इसे सरकार के बिना ओदश के संशोधित या शिथिल नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार के अनुमति के बाद ही संशोधन सम्भव है।
-अरुण प्रसाद, प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी

पाठ्य पुस्तक निगम को भंडार क्रय नियम में परिवर्तन करने का कोई अधिकार नहीं है, मुख्यमंत्री की मंशा अच्छी है , छत्तीसगढ का जीएसटी नम्बर होने से सीधा राजस्व राज्य को प्राप्त होगा। जो शर्ते इन्होंने डाली है वो भारत स्टैंडर्ड (क्चढ्ढस्) में आती ही नहीं । निश्चित ही किसी विशेश को फायदा पहुंचाने के लिए नियम बनाए गए हैं।
-उचित शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता

इस संदर्भ में छत्तीसगढ पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी इफ्फत आरा से भी पायनियर टीम ने संपर्क किया तो उन्होने 5 मिनिट ने जानकारी बताने को कहा, उसके बाद उन्होने फोन रिसीव करना बंद कर दिया । खबर का संदर्भ उन्हे पता होने के वावजूद पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी के रुप में अपना पक्ष रखने से वे बचती रहीं।

सीएसआईडीसी ने रद्द कर दिए थे 45 टेन्डर
भंडार क्रय नियम में संशोधन के बाद छत्तीसगढ राज्य आद्योगिक विकास सीएसआईडीसी ने करीब 45 टेन्डर रद्द कर दिये। इन टेन्डरों को नए सिरे से जारी किया गया। दोबारा वही कम्पनियां या ठेकेदार हिस्सा ले सकेगें जिनका राज्य में जीएसटी पंजीयन होगा।

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