पूर्व नपा अध्यक्ष हीरू राम निकुंज को याद कर रहें शहरवासी
वर्तमान अध्यक्ष और सीएमओ पानी की व्यवस्था ठीक कराने में हुए नाकाम
पायनियर संवाददाता जशपुरनगर
नगर पालिका परिषद् जशपुर जिला मुख्यालय की २० हजार जनता पानी के लिए आज भी संघर्ष कर रही है।आए दिन मोटर खराब हो जाने की वजह से घरों में पानी की सप्लाई ठप हो गई है। हालात कुछ ऐसे निर्मित हो गए हैं कि जशपुरवासी पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हीरू राम निकुंज को याद कर रहे हैं और वर्तमान अध्यक्ष नरेश साय को पानी नहीं दिला पाने का दोषी मान रहे हैं। जशपुरवासियों का कहना है कि जब हीरू राम निकुंज थे तब पानी अच्छा मिलता था और कभी दिक्कत होती थी तो निकुंज स्वयं तत्परता से उसका समाधान कराते थे।
वे रोजाना सुबह हर वार्ड का भ्रमण करते थे। पर आज सब टांय-टांय फिस्स हो गया है और गर्मी जैसा जल संकट शहर में आ चुका है। दरअसल लावा नदी डूमरटोली से जशपुर पानी पहुंचाने और घरों तक वितरण करने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने नल जल योजना के तहत १४ करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। जिसके तक ७.२९ करोड़ की लागत से एनीकट का निर्माण कराया गया और ७ करोड़ से टंकी बनाई गई और पाइप लाइन का विस्तार किया गया। योजना के पूर्ण होने के कुछ सालों तक जशपुरवासियों को ठीक-ठाक पानी की आपूर्ति हुई लेकिन अब एक बार फिर से पेयजल के लिए हाहाकार की स्थिति निर्मित होने लगी है। वार्डों में पानी नहीं पहुंच रहा है लेकिन इस बदहाली का जायजा लेने वाले कोई नहीं हैं।
योजना में पैसे तो पूरे खर्च हुए पर लाभ पूरा नहीं मिल रहा है। नगर पालिका एक से डेड़ घंटा पानी देने के नाम पर जलकर वसूलती है पर आधा घंटा भी पानी मिलना मुश्किल होता जा रहा है। जलकर के बराबर पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।
योजना में हुई है चुक
पानी सप्लाई में आ रही नियमित दिक्कत को दूर करने के लिए नगर पालिका के कर्मचारी रोजाना लावा नदी डूमरटोली एनीकट का चक्कर काट रहे हैं। शनिवार और रविवार को नियमित पानी नहीं आने की खबर सूनकर नगर पालिका की टीम फिर से लावा नदी पहुंची और समस्या की जड़ तलाशने लगे।
मोटर की समस्या नियमित
नियमित पानी नहीं आने के कई कारण सामने आ रहे हैं। कारणों में मोटर की खराबी भी एक बड़ा कारण है। दरअसल नलजल योजना के तहत एक मोटर लगाई गई है जिसके खराब होने के बाद पूराने मोटर से सप्लाई की जाती है। एक वैकल्पिक मोटर की और आवश्यकता महसूस की जा रही है पर उसे अबतक खरीदा नहीं गया है।
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