लॉक डाउन एवं विपत्ति में भी सतत मदद भेज रहे, यह अभियान विगत 3 वर्षों से चल रहा
पायनियर संवाददाता-जगदलपुर
बस्तर के आस-पास टोंगो पारा, गुडियापदर, गुडिया, चित्तलगुर, कदमपारा, बोदल, गेहूंपदर, बामनारास, बडेकवाली आदि गावों के करीब चालीस कुपोषित बच्चों को चरामेति फाउंडेशन की जगदलपुर ईकाई द्वारा गोद लिया गया है। ग्राम गुडिया की अपनी बेटी चानवी के लिए पोषण आहार के रूप में दूध पाउडर के डिब्बे पाकर माता तुलसा के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही है। यह खुशी बिटिया के जल्दी स्वस्थ हो जाने की खुशी है। ग्राम गुडिया के ही निवासी महादेव के पुत्र नितेन्द्र अपने भाई की गोद में दूध पाउडर के डिब्बों के साथ बैठें हैं। नितेन्द्र जब नौ माह का था तब उनका वजन मात्र साढे पांच किलो था। शकील रिज़वी एवं राजेन्द्र ओझा ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि पिछले आठ महीने से सतत् चल रही इस पोषण आहार सेवा में चरामेति फाउंडेशन द्वारा प्रतिमाह चालिस कुपोषित बच्चों को दूध पाउडर के अतिरिक्त आयरन टॉनिक, मोरिंगा पाउडर, सोयाबीन आदि भी प्रदान किया जाता है। नितेन्द्र अभी 14 माह का है एवं इन पांच महीने में ही उनका वजऩ करीब पांच किलो बढकर 10 किलो 240 ग्राम हो गया है। बच्चे के स्वस्थ हो जाने के बाद एक अन्य कुपोषित बच्चे को गोद ले लिया जाता है। चरामेति फाउंडेशन द्वारा इन गांवों में पोषण आहार के अतिरिक्त वस्त्र आदि भी वितरित किये जातें हैं। संस्था आम जनता से इन सेवा कार्यों में सहयोग की अपील भी करतीं हैं।
चरामेती फाउंडेशन के अतिरिक्त स्थानीय निवासियों का भी मिलता है सतत सहयोग – रजिया शेख, सौरभ मोतीवाला, अनिल लुंकड़, भारत गिरधर, प्रकाश ठक्कर, किरण पटेल,गीतेश सिंघाड़े,दिव्या गौतम, जगदीश चंद्र दास जैसे सैकड़ों लोग बस्तर जिले के चुनिंदा गाँव मे कुपोषण मुक्त बस्तर बनाने में अपना सहयोग दे रहे हैं।
जिला प्रशासन, महिला बाल विकास भी इस दिशा में प्रयासरत है, परंतु यह प्रयास अकेले सरकारी विभाग के बस का नही,जब तक सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित
न हो।
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