किसी भी कोल ब्लॉक को नहीं किया जा रहा नीलाम
पायनियर संवाददाता-बिलासपुर
देश के 10 श्रमिक संगठनों ने 26 नवंबर को कोल सेक्टर समेत अन्य उपक्रमों में एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आव्हान किया है। दूसरी तरफ कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक (चेयरमैन) प्रमोद अग्रवाल ने इस हड़ताल को अवैध करार देते हुए कर्मियों को हड़ताल में नहीं जाने की बात कही है। दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा है कि काम नहीं तो वेतन नहीं। कमर्शियल माइनिंग व कोल इंडिया के शेयर विनिवेश के विरोध में कोयला सेक्टर के श्रमिक संगठन एटक, सीटू, एसइकेएमसी इंटक, एचएमएस व रेड्डी गुट इंटक ने एक दिवसीय हड़ताल का प्रस्ताव रखा है। संयुक्त श्रमिक संगठन तैयार कर हड़ताल की तैयारी की जा रही। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने इस हड़ताल से दूरी बना ली है। इस बीच कोल इंडिया के चेयरमेन अग्रवाल ने कोल कर्मियों के लिए एक पत्र जारी कर कहा है कि इस हड़ताल नोटिस को औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार समाधान के लिए मुख्य श्रम आयुक्त आयुक्त (केंद्रीय) नई दिल्ली व श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को संदर्भित किया गया है।
उन्होंने कहा है कि सीआईएल को आबंटित किसी भी कोल ब्लाक को नीलाम नहीं किया जा रहा है। सीआईएल के पास 463 कोल ब्लाक हैं, इनमें 329 प्रक्रियाधीन है। जिनमें कोल वाशरी, कोयला गैसीयकरण, सौर उर्जा आदि शामिल हैं। कोयला श्रमिकों के काम करने और रहने की स्थिति में सुधार के मुद्दों को हल करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। ऐसे में कोयला कंपनियों के कार्य में व्यवधान उत्पन्न होगा। श्रमिक संगठनों के मांगें मुख्य रूप से सरकार के नीतिगत निर्णयों से संबंधित है।
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